तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान से भारत के चल रहे निकासी अभियान के बीच, एक अफगान महिला सांसद ने अब दावा किया है कि उसे 20 अगस्त को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से वापस भेज दिया गया। महिला सांसद का नाम रंगिना कारगर है जो कि अफगानिस्तान में फरयाब प्रांत का प्रतिनिधित्व करती हैं। कारगर ने इस्तांबुल से भारत के लिए उड़ान भरी थी और दक्षिण दिल्ली के अस्पताल में सुबह 11 बजे का उनका अप्वाइंटमेंट था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कारगर के पास 22 अगस्त को इस्तांबुल जाने का टिकट भी था। लेकिन कारगर ने दावा किया है कि उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद वहां से बाहर नहीं निकलने दिया गया और बाद में उसी एयरलाइंस से दुबई के रास्ते इस्तांबुल वापस भेज दिया गया।
रंगिना का दावा उनके साथ एक अपराधी जैसा सलूक
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए रंगिना कारगर ने दावा किया कि उन्हें भारत से डिपोर्ट कर दिया गया और उनके साथ एक अपराधी जैसा व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि दुबई में उन्हें पासपोर्ट नहीं दिया गया। इस्तांबुल पहुंचने के बाद वापस दिया गया। रंगिना ने कहा है मुझे गांधीजी के भारत से इसकी कभी उम्मीद नहीं थी। हम हमेशा भारत के दोस्त हैं, भारत के साथ हमारे रणनीतिक संबंध हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि वे असहाय थे और उस समय कुछ नहीं कर सकते थे।
पहले भी उसी पासपोर्ट पर भारत आ चुकी है रंगिना
रंगिना कारगर ने कहा कि उनको वापस भेजे जाने के बाद कथित तौर पर भारत ने दो अफगान सिख सांसद, नरिंदर सिंह खालसा और अनारकली कौर होनारयार को अफगानिस्तान से निकाला, दोनों भारत भी पहुंचे। रंगिना कारगर ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने भारत की यात्रा उसी पासपोर्ट पर की जिस के जरिए वो पहले भी इंडिया आ चुकी थीं। उन्होंने कहा कि उनका भारत में रहने की कोई योजना नहीं थी, वो वापसी का टिकट भी बुक करा चुकी थी।
सर्वदलीय बैठक में उठा मुद्दा
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि विदेश मंत्री द्वारा आयोजित सर्वदलीय बैठक में महिला राजनयिक के वापस भेजे जाने का मुद्दा उठाया गया था। खड़गे ने कहा, हमने एक महिला (अफगान) राजनयिक का मुद्दा उठाया, जिसे निर्वासित किया गया था। उन्होंने कहा कि ये गलत हबुआ है, इसे दोहराया नहीं जाएगा और वे इस मामले को देखेंगे।