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गोरखपुर को औद्योगिक गलियारे के लिए मिला 200 करोड़, तेजी से बढ़ेगा लैंड बैंक

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गोरखपुर: प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तुत बजट में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों किनारे विकसित हो रहे औद्योगिक गलियारे के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इससे लैंड बैंक को तेजी से बढ़ाया जा सकेगा। वर्तमान में चार गांवों में चल रहे अधिग्रहण के कार्य को आसपास के करीब आधा दर्जन और गांवों में बढ़ाया जाएगा। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की ओर से जल्द ही दो हजार एकड़ जमीन अधिग्रहीत करने का लक्ष्य रखा गया है। जमीन अधिग्रहीत होने के बाद निवेशकों को आसानी से भूखंड उपलब्ध कराए जा सकेंगे।

यहां किया जा रहा जमीन अधिग्रहण

गीडा की ओर से नरकटहा, तालनवर, बाघागाड़ा एवं भगवानपुर में करीब 450 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसमें से तालनवर एवं नरकटहा में अधिग्रहण लगभग पूरा हो चुका है। आसपास के गांवों में भी करीब 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके बाद और भी गांवों में यह कार्य आगे बढ़ाया जाएगा।जीआइएस 2023 में गोरखुपर को मिले हैं 1.72 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआइएस) 2023 में गोरखपुर जिले को करीब एक लाख 72 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसमें कई बड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित होनी हैं। आबादा ग्रुप की ओर से करीब 22 हजार 500 करोड़ रुपये की लागत से ग्रीन अमोनिया प्लांट लगाया जाना है। इसके लिए औद्योगिक गलियारे में जमीन मिल सकेगी। पेप्सिको की बाटलिंग कंपनी वरुण बेवरेजेज की ओर से एक हजार 71 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है और इसके लिए प्रथम चरण में 45 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। औद्योगिक गलियारे में ही कंपनी को अभी और जमीन दी जाएगी। इसके साथ ही प्लास्टिक पार्क भी यहीं स्थापित किया जा रहा है। गलियारे में ही वेयर हाउस पार्क बनाने की भी योजना है। औद्योगिक गलियारे के विकास से बड़े निवेशकों को यहां आसानी से जगह मिल सकेगी।

क्या कहते हैं अधिकारी

गीडा सीईओ पवन अग्रवाल ने बताया कि औद्योगिक गलियारे के विकास और जमीन अधिग्रहण के लिए गीडा की ओर से 200 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था। बजट में गलियारे के लिए पूरा बजट आवंटित किया गया है। जमीन का अधिग्रहण और तेजी से हो सकेगा। गीडा की ओर से भी जमीन खरीदने के लिए बजट की अलग से व्यवस्था की जाएगी। बड़े उद्योगों के लिए यहां जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। राजस्व कर्मियों की तैनाती के बाद जमीन अधिग्रहण के काम में तेजी आई है।