रविवार को कोई भी भारतीय निशानेबाज टोक्यो पैरालंपिक की मिक्सड 50 मीटर राइफल प्रोन एसएच1 स्पर्धा के फाइनल्स के लिए क्वालीफाई नहीं कर सका, जबकि गोल्डन गर्ल अवनि लेखरा क्वालीफिकेशन में 28वें स्थान पर रहीं। इसके साथ ही भारत का निशानेबाजी में ऐतिहासिक अभियान भी समाप्त हो गया, जिसमें देश के नाम पांच मेडल रहे। सिद्धार्थ बाबू क्वालीफाई करने के करीब पहुंचे, लेकिन वे मामूली 0.2 के अंतर से पिछड़ गए, जिससे वह क्वालीफिकेशन दौर में नौंवे स्थान पर रहे। बाबू ने 617.2 प्वॉइंट्स का स्कोर बनाया और वे चीन के चाओ डोंग (617.4) से महज 0.2 प्वॉइंट्स पीछे रहे।
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वहीं 10 मीटर राइफल में गोल्ड और 50 मीटर राइफल थ्री पॉजिशंस में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर स्टार बनीं लेखरा ने 612 प्वॉइंट्स का स्कोर बनाया, जिससे वे 28वें स्थान पर रहीं। इस 19 साल की निशानेबाज ने अपने डेब्यू पैरालंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन किया। अवनि शूटिंग का गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। तीसरे भारतीय निशानेबाज दीपक 602.2 के स्कोर के साथ 46वें स्थान पर रहे। एसएच1 राइफल स्पर्धा में वही एथलीट हिस्सा लेते हैं, जिनके पैरों में विकार हो, या दुर्घटना में उनका पैर काटना पड़ा हो या पैरों में लकवा मार गया हो।
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मिक्स स्पर्धा में महिला और पुरुष दोनों निशानेबाज हिस्सा लेते हैं। इस तरह भारतीय निशानेबाजी अभियान दो गोल्ड सहित पांच मेडल के साथ समाप्त हुआ। लेखरा के अलावा 19 साल के मनीष नरवाल ने पुरुषों की 50 मीटर पिसटल एसएच1 स्पर्धा का गोल्ड मेडल जीता। सिंहराज अडाना ने भी प्रतिस्पर्धा में दो मेडल जीते, जिसमें 50 मीटर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा का सिल्वर और 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा का ब्रॉन्ज मेडल शामिल है।