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पर्ची व्यवस्था ने खोली फर्जीवाड़े की पोल,अब शुरू हुई जांच। 

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पर्ची व्यवस्था ने खोली फर्जीवाड़े की पोल,अब शुरू हुई जांच।

-वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने दिए संकेत,होगी सख्त कार्रवाई।

अमिताभ श्रीवास्तव। अयोध्या।

शासन की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल जनसुनवाई का लाभ पीड़ितों को दिलाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर द्वारा इजाद किया गया पंजीकरण पर्ची व्यवस्था का अभिनव प्रयोग अब फर्जीवाड़ा करने वालों के गले का फांस बन गया है।इस व्यवस्था की तकनीकियों के चलते हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने दूसरे के नाम पर शिकायत करने के मामले की पोल खोलकर रख दी है।मामले की हकीकत सामने आने के बाद तह तक की पड़ताल में जुटी पुलिस अब फर्जी नाम पर शिकायत करने वाले नटवरलाल की तलाश में सरगर्मी से जुट गई है और मुकदमा लिखकर जेल भेजने की भी पूरी तैयारी है। आपको बता दें कि कार्यभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली प्रेसवार्ता में ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ ग्रोवर ने जनसुनवाई में आने वाले पीड़ितों को इसका शत प्रतिशत लाभ दिलाने के मकसद से पंजीकरण पर्ची व्यवस्था शुरू किए जाने की जानकारी दी थी जिसके दो दिन बाद ही यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।इस व्यवस्था के अंतर्गत जनसुनवाई में आने वाले पीड़ित व्यक्ति को एक पंजीकरण पर्ची दी जाएगी जिसमें उसका नाम,पता और फोटो सहित शिकायत का विवरण दर्ज रहेगा। उसकी दूसरी प्रति संबंधित अधिकारी को जांच के लिए भेज दी जाएगी।शिकायत के अनुरूप जांच की प्रक्रिया समयबद्ध रहेगी जिसमें चौबीस घंटे से लेकर पांच दिन तक में संबंधित अधिकारी को रिपोर्ट देनी रहेगी।अपनी पर्ची से पीड़ित व्यक्ति शिकायती पत्र पर जांच आख्या को सुलभता से पता कर सकेगा।यह व्यवस्था लागू हो गई और जनसुनवाई में पीड़ितों को पंजीकरण पर्ची मिलने लगी।इसी बीच एक ऐसा मामला पकड़ में आ गया जिसने इस व्यवस्था की सार्थकता को सिद्ध कर दिया।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक

बीती 15 मई को आवेदक राम प्रकाश पुत्र यज्ञ नारायण निवासी ग्राम देवराकोट थाना रौनाही द्वारा वादिनी/पीड़िता श्रीमती अनारकला पत्नी गनपत निवासी ग्राम देवराकोट थाना रौनाही के नाम का शिकायती प्रार्थना पत्र वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ ग्रोवर के समक्ष प्रस्तुत होकर दिया गया।जांच/विधिक कार्यवाही हेतु उक्त प्रार्थना पत्र क्षेत्राधिकारी सदर योगेन्द्र कुमार को दिया गया।जांच में पाया गया कि आवेदिका श्रीमती अनारकला पत्नी स्व. गनपत व विपक्षीगण के मध्य जमीन कब्जेदारी को लेकर विवाद है।बीती तीन मई को विपक्षीगण द्वारा उक्त विवादित जमीन की जुताई की गयी थी।उस समय आवेदिका घटनास्थल पर मौजूद भी नही थी।प्रकरण के सम्बन्ध में पीड़िता और उनके बेटे विक्रम द्वारा घटना से इनकार किया गया। जांच के दौरान ग्राम देवराकोट में किसी भी ग्रामवासी द्वारा आवेदक रामप्रकाश पुत्र यज्ञ नारायण निवासी ग्राम देवराकोट थाना रौनाही के नाम व फोटो के व्यक्ति का गांव में निवास करना नही बताया गया तथा प्रेषित प्रार्थना पत्र के साथ मेडिकल रिपोर्ट भी संलग्न की गयी है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ ग्रोवर ने बताया कि इसके सम्बन्ध में मुख्य चिकित्साधिकारी को जांच हेतु रिपोर्ट प्रेषित की गयी है और व्यक्तिगत रूप से उनसे बात भी की गई है।पीड़िता के नाम से फर्जी प्रार्थना पत्र आवेदक रामप्रकाश पुत्र यज्ञ नारायण द्वारा प्रस्तुत किया गया है जिस पर पीड़िता के बेटे विकम पुत्र गनपत द्वारा थाना कोतवाली नगर पर एक तहरीर प्रस्तुत की गयी है। इस तहरीर पर थाना कोतवाली नगर अयोध्या पर मुकदमा अपराध संख्या 221/25 धारा 319 (2)/336 (2) बीएनएस बनाम रामप्रकाश पुत्र यज्ञ नारायण पंजीकृत किया गया है, जिसकी विवेचना जा रही है तथा जनसुनवाई में झूठा प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने वाले आवेदक रामप्रकाश की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

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