बहराइच–:
ब्यूरो रिपोर्ट सुनील कुमार
बहराइच 11 जून। जिलाधिकारी डा. दिनेश चन्द्र ने पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह व मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना व अन्य सम्बन्धित अधिकारियों के साथ संभावित बाढ़ के दृष्टिगत बाढ़ से पूर्व राहत व बचाव कार्यों के सम्बन्ध में की गयी तैयारियों तथा घाघरानदी के बाये तट पर स्थित बेलहा बेहरौली तटबंध के किलो मी. 51.100, 52.050 एवं 53.00 पर स्पर निर्माण परियोजना एवं किलो मी. 55.700 पर निर्मित स्पर के पुर्नस्थापना कार्य का जायज़ा लेने के उद्देश्य से तहसील महसी अन्तर्गत पिपरा, कायमपुर, गोलागंज व बौंडी समेत विभिन्न बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी डा. चन्द्र ने अधिशासी अभियंता सरयू ड्रेनेज खण्ड शोभित कुशवाहा से स्पर निर्माण कार्य व तटबंध मरम्मत के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर अधिशासी अभियंता ने बताया कि तटबंध की सुरक्षा एवं गोलागंज, कायमपुर व पिपरा, बौण्डी गांव को कटान से बचाने के लिये स्पर-स्टड निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा। डा. चन्द्र ने निर्देश दिया कि निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कर लिया जाय। डा. चन्द्र ने उप जिलाधिकारी महसी एस.एन. त्रिपाठी को निर्देश दिया कि संभावित बाढ़ के दृष्टिगत बाढ़ चैकियों व बाढ़ शरणालयों को अलर्ट कर दिया जाय।
जिलाधिकारी ने महसी के उप जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि बाढ़ क्षेत्र का सघन भ्रमण करते रहें और स्थिति पर सतर्क दृष्टि बनाये रखें ताकि बाढ़ की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों को पूरी सक्रियता के साथ संचालित किया जा सके। तहसील प्रशासन के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि हर स्थिति के लिए ऐसी प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाय कि बाढ़ के दौरान जन-धन की हानि न होने पाये और सभी प्रभावित व्यक्तियों तक त्वरित राहत पहुॅचायी जा सके। उन्होंने बाढ़ शरणालय स्थलों में पेयजल, शौचालय व प्रकाश इत्यादि के माकूल बन्दोबस्त कराये जाने के निर्देश दिये। डा. चन्द्र ने बाढ़ चैकियों, बाढ़ शरणालयों, चिकित्सा शिविरों, नावों एवं नाविकों की उपलब्धता इत्यादि के बारे में भी जानकारी प्राप्त करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। एसडीएम महसी को निर्देश दिया गया कि बाढ़ खण्ड के अभियन्ताओं के साथ पुनः महसी क्षेत्र के स्परों का निरीक्षण कर लें और आवश्यकतानुसार सुदृढ़ीकरण की कार्यवाही सुनिश्चित कराएं। साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लक्षित वर्गों का कोविड वैक्सीनेशन भी यथाशीघ्र करा दिया जाय।
जिलाधिकारी डा. चन्द्र ने कहा कि कमोबेश प्रत्येक वर्ष जनपद को बाढ़ की विभीषिका का सामना करना पड़ता है विशेषकर महसी क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित होने वाली तहसील है। डा. चन्द्र ने संभावित बाढ़ के दृष्टिगत राहत व बचाव कार्यों से सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिया कि ऐसी कार्ययोजना तैयार करें कि संभावित बाढ़ के दौरान जान व माल की कम से कम हानि हो। उन्होंने स्वास्थ्य एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मनुष्यों एवं पशुओं के उपचार के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने कहाकि बाढ़ के दौरान पशुओं को चारे-पानी की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए तथा सभी जगहों पर एण्टी स्नेक वेनम की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी जाय। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित भी कर दिया जाय। इस अवसर पर एसपी सुजाता सिंह, सीडीओ कविता मीना, एडीएम जयचन्द्र पाण्डेय, एएसपी अशोक कुमार, ज्वाईण्ट मजिस्ट्रेट सूरज पटेल आईएएस, उप जिलाधिकारी महसी एस. एन. त्रिपाठी, सीओ महसी जेपी त्रिपाठी, सीवीओ डा. बलवन्त सिंह, डीएसओ अनन्त प्रताप, डीपीआरओ उमाकान्त पाण्डेय, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार, अधिशाषी अभियन्ता विद्युत मुकेश बाबू, लोक निर्माण खण्ड 1 ए.के. वर्मा, जल निगम सौरभ सुमन, सरजू ड्रेनेज खण्ड शोभित कुशवाहा, तहसीलदार राजेश कुमार वर्मा, बीडीओ महसी एस.पी. सिंह, तजवापुर सी.बी. यादव, सहायक अभियन्ता सरजू ड्रेनेज खण्ड वी.वी. पाल सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
