कलबुर्गी, कर्नाटक:
एक नये अध्याय का आगाज हुआ जब भुवनेश सोनी को ‘युवा भारत गौरव रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार 7वें भारतीय संस्कृति उत्सव 2025 में भव्य समारोह के दौरान उन्हें उनके अद्वितीय सामाजिक योगदान के लिए दिया गया। इस समारोह का आयोजन कर्नाटक के कलबुर्गी शहर में हुआ था और इसमें देशभर से 51 युवा नेताओं को समाज में योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस शानदार कार्यक्रम का उद्घाटन किया, जो 29 जनवरी को शुरू हुआ था और इसमें देशभर के 25 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे।भुवनेश सोनी को यह सम्मान उनके 9 साल के अद्वितीय कार्यों के लिए दिया गया है। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने न केवल भारत की सामाजिक तस्वीर को बदलने में योगदान दिया है, बल्कि उन्होंने अपने प्रयासों से लाखों लोगों का जीवन सुधारा है। खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान जब देश संकट में था, भुवनेश ने लाखों प्रवासी श्रमिकों की मदद की। उन्होंने 8 लाख प्रवासी श्रमिकों के लिए राहत कार्य किया और 25,000 श्रमिकों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा, जिससे उन्हें दीर्घकालिक स्वास्थ्य सुरक्षा मिली। भुवनेश ने गरीबी उन्मूलन और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भुवनेश सोनी ने 16 राज्यों में 35,000 से अधिक परिवारों के लिए काम किया है। उनका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में विकास को गति देना, महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना और सामाजिक जागरूकता फैलाना है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों में सुधार के लिए कई योजनाओं पर काम किया है। भुवनेश ने शिक्षा क्षेत्र में भी नयी दिशा दी, जहां उन्होंने लाखों बच्चों के लिए बेहतर अवसर बनाए हैं। उनकी कई पहलें आज भी ग्रामीण और शहरी समुदायों में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।भुवनेश सोनी के कार्यों में एक अहम पहलू महिला सशक्तिकरण रहा है। उन्होंने सागर, मध्य प्रदेश में 7.5 लाख पर्यावरण-अनुकूल गोबर दीयों का उत्पादन करवाया, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ हुआ, बल्कि हजारों महिलाओं को रोजगार भी मिला। उनके द्वारा चलाए गए स्व-सहायता समूहों (SHGs) ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है। इन समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त हुई है और वे अब अपने परिवारों का भरण-पोषण कर रही हैं। भुवनेश ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई पहल की हैं, जो अब पूरे देश में एक मिसाल बन गई हैं।भुवनेश सोनी ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत की आवाज बुलंद की है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के 75वें सत्र (UN75) में भारत की जमीनी चुनौतियों को वैश्विक मंच पर उठाया और जलवायु परिवर्तन (SDG 13) और वित्तीय समावेशन (SDG 10) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया। उन्होंने भारतीय सड़क सुरक्षा अभियान (IRSC) के तहत 30 से अधिक सड़कों की सुरक्षा योजनाओं में सुधार करने में मदद की है, जिससे लाखों लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। भुवनेश ने जलवायु परिवर्तन और सामाजिक समावेशन के लिए नई नीतियों का निर्माण भी किया।भुवनेश सोनी का मानना है कि किसी भी समाज में वास्तविक परिवर्तन तभी आता है जब नीति, कार्य और नवाचार एक साथ काम करते हैं। उनका यह विश्वास है कि प्रत्येक नागरिक को देश की प्रगति में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। वे कहते हैं, “यह पुरस्कार मेरा नहीं, हर उस स्वयंसेवक और सहयोगी का है जो इस यात्रा का हिस्सा रहे। राष्ट्र निर्माण की शुरुआत हर नागरिक से होती है।”भुवनेश सोनी का सफर न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि का प्रतीक है, बल्कि यह सामूहिक परिवर्तन की प्रेरणा भी देता है। उनके संघर्ष और मेहनत ने साबित किया है कि सच्ची सेवा और नेतृत्व से समाज की तस्वीर को बदला जा सकता है। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है और वे निरंतर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं।
