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इंग्लैंड के अश्वेत फुटबॉलरों के साथ नस्लीय टिप्पणी पर भड़के युवराज सिंह, बोले- खेल का मतलब एकजुट करना है

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इटली ने इंग्लैंड को हरा कर यूरो कप 2020 पर कब्जा जमाया। इस हार के बाद इंग्लैंड के तीन खिलाड़ियों जडोन सांचो, मार्कस रशफोर्ड और बुकायो साका को नस्लभेदी टिपण्णी का सामना करना पड़ा। ये खिलाड़ी पेनल्टी शूटआउट में गोल नहीं कर पाए थे, जिसके कारण इंग्लैंड 3-2 से पेनल्टी शूटआउट में हार गया। दुनिया भर में इसकी आलोचना हो रही है। भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने भी इसकी आलोचना की है।

 

भारत के इस स्टार खिलाड़ी ने ट्वीट कर कहा, ‘मैंने खेल में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन एक टीम के नाते आप हारते भी हैं और जीतते भी हैं। दुर्भाग्य से इंग्लैंड हार गया, इटली उस दिन बेहतर टीम थी। लेकिन जो जडोन सांचो, मार्कस रशफोर्ड और बुकायो साका ने जो देखा है, वो निराशाजनक है। हम आपके साथ खड़े हैं। कभी ना भूलें स्पोर्ट्स का मतलब एकजुट करना होता है न कि बांटना।’

 

इससे पहले इंग्लैंड फुटबॉल एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर कहा, ‘हम प्रभावित खिलाड़ियों का समर्थन करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और इसके लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा देने का आग्रह करेंगे।’ एसोसिएशन ने सरकार से नस्लभेद पर कानून लाने का आग्रह किया है। इंग्लैंड ने 1966 से कोई भी इंटरनेशनल ट्रॉफी नहीं जीता है। उन्होंने 1966 में फुटबॉल विश्वकप जीता था। इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन ने भी इसकी आलोचना की है। उन्होंने कहा है, ‘आप इंग्लैंड के फैन नहीं हो सकते, हमें आपकी जरूरत नहीं है।’

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