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*जिला उद्योग केंद्र चौराहा सिटी हाॅस्पिटल से लेकर नेता सुरहुरवा मार्ग तक 16 मीटर चौड़ी बनेगी सड़क, जमीन के लिए हो चुका है सर्वे, जद में आ रहीं कई दुकानें व मकान, लोग परेशान*

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*सड़क चौड़ीकरण में बरामदे की नपाई ने व्यापारियों की उड़ाई नींद*

महराजगंज, डेली न्यूज़ नेटवर्क। शहर में जिला उद्योग के सामने से पिपरदेउरा की ओर जाने वाली सड़क चौड़ी होगी। इसकी जद में तमाम दुकानें व मकान भी आ रहे हैं। बीते दिनों सड़क की नपाई हुई तो व्यापारियों की नींद उड़ गई है। जिन लोगों के मकान सड़क की जद में आ रहे हैं, उनको रात में नींद नहीं आ रही है। कुछ मकान तो वर्षों पुराने हैं। कुछ सात-आठ साल के अंदर बने हैं। इस मार्ग में दो मंदिर हैं। वे भी दायरे में आ रहे हैं। शहर में फरेंदा मार्ग पर जिला उद्योग तिराहा है। यहीं पर सबसे पहले दाहिनी तरफ सिटी अस्पताल है। शुरुआत में ही दुकान सड़क के दायरे में आ रही है। आगे बढ़ने पर कुछ लोगों की चहारदीवारी तो कुछ लोगों के बरामदे तक सड़क का दायरा पहुंच रहा है। पुल से पहले कुछ लोगों ने अधिक स्थान छोड़कर मकान बनवाया है। उनके लिए थोड़ी राहत की बात बात है। पुल से आगे बढ़ने पर व्यापारियों समेत आम लोगों का दर्द छलक उठा। सभी यही कह रहे थे कि नहर होने के कारण जमीन कम है। ऐसे में पूरा मकान ही दायरे में आ रहा है। अगर घर टूट गया तो रहने का ठिकाना ढूंढना पड़ेगा। दुकान टूट जाएगी तो रोजगार की समस्या होगी। चौड़ीकरण होने से फायदा तो है, लेकिन सड़क का दायरा घटता तो राहत मिलती। करीब 50 से अधिक मकान और दुकानें दायरे में अधिक आ रहे हैं। इससे लोगों की मुश्किल बढ़ जाएगी।

 

*पैमाइश के लिए भेजा गया पत्र*

प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग की ओर से उप जिलाधिकारी को पत्र जारी कर पैमाइश कराने के लिए कहा गया है। पत्र में लिखा गया है कि जिला उद्योग तिराहे से पिपरदेउरा होते हुए नेता सुरहुरवां मार्ग तक चौड़ीकरण के लिए 16 मीटर चौड़ाई में भूमि की आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण के लिए पैमाइश करानी है। पैमाइश के बाद में आने वाली कुल गाटा संख्या व रकबा निर्धारित करते हुए, आख्या भेजी जाए। पत्र मिलने के बीते दिनों सदर लेखपाल ने भूमि की पैमाइश की तो सभी लोग परेशान हो गए।

 

वर्षों पुराना मंदिर भी चौड़ीकरण के दायरे में

नेहरू नगर में विश्वकर्मा मंदिर लगभग 30 साल पहले बना था। हनुमान मंदिर लगभग 35 वर्ष पुराना है। दुर्गा मंदिर भी काफी प्राचीन है। प्रतिमा की स्थापना पांच वर्ष पहले हुई थी। यह मंदिर भी सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आ रहा है। आसपास के लोगों का कहना है कि वर्षो पुराना मंदिर बचा दिया जाता तो अच्छा रहता।