महराजगंज: रंगोत्सव होली पर रंग और पिचकारी पर महंगाई की मार, 30 फीसदी तक बढ़े भाव, बाजार में रौनक कम। पिचकारी और रंगों के दाम में 20 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। हालांकि दुकानें सज गई हैं, लेकिन ग्राहक नजर नहीं आ रहे।
आरारोठ की गुलाल पिछले साल 70 रुपए प्रति किलो थी, अब 120 रुपए किलो बिक रही।
रंगों का व्यापार करने वाले मनीष निगम, श्याम गुप्ता ने बताया कि इस बार अच्छी ग्राहकी की उम्मीद में माल लाए हैं, लेकिन ऊपर से ही महंगाई के कारण परेशान है कि जो माल लाए हैं वह बिकेगा या नहीं। हर्बल गुलाल, अरारोट सहित पिचकारियो के दाम भी 20 से 30 फीसदी तक बढ़ गए हैं। उनका कहना है कि अरारोट की गुलाल पिछले साल जहां 70 से 100 रुपए प्रति किलो तक बेची जा रही थी, वहीं अब ये 120 से 160 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है। हालांकि सादा गुलाल 40 रुपए तक की भी उपलब्ध है। इसका पिछले साल 20 रुपए किलो का भाव था। इसी प्रकार पिचकारियों के भाव में भी 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी है। महंगाई के कारण केवल भाव पूछकर लोग ज्यादा आ रहे हैं। छोटे दुकानदार माल कम ले जा रहे हैं, तो ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले ग्राहक भी कम ही आ रहे हैं। मीठा का व्यापार करने वाले व्यापारी शुभम जायसवाल ने बताया कि खोवा और गुजिया पिछले वर्ष के भाति इस वर्ष दामों में बढ़ोतरी हुई है। जिससे की होली के त्यौहार के मिठास को फीकी कर सकता है। हालांकि रिफाइंड, चीनी, मैदा, आटा और मेवा के दाम भी पिछले साल की तुलना में बढ़े हैं। दूध के बढ़े दामों ने खोवे के बाजार को तीन सौ के पार कर दिया है। बढ़ती कीमतों से लोगों का बजट गड़बड़ाने लगा है। होली का उत्साह धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। होली के पर्व में अभी एक सप्ताह बचा हैं। महंगाई की आग में झुलस रहा मध्यम व गरीब वर्ग होली की तैयारी को लेकर काफी चिंतित दिखाई दे रहा है। आटा, चीनी, रवा व मैदा पिछले वर्ष की तुलना में पांच से दस रुपये तक मंहगा है। गुझिया बनाने में प्रयोग होने वाले खोवे के दाम में पिछले वर्ष की तुलना में 50 से 60 रुपये की बढ़ोतरी देखी जा रहा है। मीठा व्यापारी शुभम जायसवाल ने बताया कि मिठाई महंगा होने का मुख्य कारण दूध के दामों में हुई बेतहाशा वृद्धि है। इस वजह से खोवा तीन सौ के पार पहुंच गया है।