गोरखपुर: एएसपी मानुष पारिक ने कहा कि सत्यम हॉस्पिटल संचालित करने के लिए कराए गए रजिस्ट्रेशन में डॉ. सुनील कुमार सरोज के प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया गया। जांच में सामने आया कि सत्येंद्र शर्मा ने विरेंद्र राय के द्वारा 25 हजार रुपये संचालक से लेकर सीएमओ दफ्तर में कार्यरत बाबू की मदद से रजिस्ट्रेशन कराया। गोरखपुर जिले के गुलरिहा के भटहट में सीज किए गए सत्यम हॉस्पिटल के संचालन में संलिप्ता पाए जाने पर बृहस्पतिवार को हिस्ट्रीशीटर सत्येंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि सत्येंद्र फर्जी अस्पताल संचालन के गिरोह में अहम भूमिका निभाता है और तीस हजार रुपये में सीएमओ दफ्तर से रजिस्ट्रेशन भी करा देता है।सत्यम हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन कराने में उसकी भूमिका पाए जाने पर गिरफ्तारी कर ली गई। पूछताछ में सीएमओ दफ्तर के एक बाबू और एक आरटीआई कार्यकर्ता की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। खबर है कि इनके खिलाफ भी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पकड़ा गया सत्येंद्र शाहपुर के ईस्टर्नपुर में रहता है। वह बिहार का मूल निवासी है। सत्येंद्र यूट्यूब के जरिए सोशल मीडिया पर खबर वायरल कर खुद को पत्रकार भी बताता है। जानकारी के मुताबिक, तीन जनवरी को गुलरिहा के सत्यम हॉस्पिटल में गर्भपात के दौरान गर्भवती महिला की मौत हो गई थी।
इस मामले में केस दर्ज कर पुलिस ने संचालक सुभाष, कथित डॉक्टर रंजीत और नर्स गीता को जेल भेजा। जिस डॉ. सुनील सरोज के नाम पर रजिस्ट्रेशन है, उस पर 20 हजार रुपये का इनाम है, लेकिन वह फरार है। इस बीच जांच में सत्येंद्र का नाम भी सामने आ गया। उसी की मदद से अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कराया गया था। यह तथ्य सामने आने के बाद पुलिस साक्ष्य संकलन कर रही थी। पुलिस ने साक्ष्यों को जुटाने के बाद बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया।
दवा व्यापारी ने दर्ज कराया था रंगदारी का केस
दवा व्यापारी ने सत्येंद्र शर्मा पर रंगदारी का केस शाहपुर थाने में केस दर्ज कराया है। आरोप है कि दवा की दुकान से वह महीना मांगता है। इस मामले में शाहपुर पुलिस भी उसकी तलाश में जुटी थी।
सत्येंद्र पर दर्ज हैं सात मुकदमे
सत्येंद्र शर्मा पर गोरखनाथ, शाहपुर, गुलरिहा, कैंट में कुल सात मुकदमे दर्ज हैं। धमकी, खुदकुशी के लिए उकसाने, मारपीट, जालसाजी, बलवा और मेडिकल एक्ट का आरोपी सत्येंद्र खुद को पत्रकार बताकर समाज व अधिकारियों में धौंस भी जमाया करता है।
यह है मामला
सत्यम हॉस्पिटल में तीन जनवरी को जैनपुर टोला काजीपुर निवासी रामवदन की गर्भवती पत्नी सोनावत की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मामले में पुलिस रामवदन की तहरीर पर रंजीत निषाद के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था।
मामले में रंजीत और कथित नर्स गीता को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भिजवा चुकी है। पुलिस ने मामले में दूसरा केस एसीएमओ डॉ. एके सिंह की तहरीर पर डॉ. सुनील कुमार सरोज व संचालक सुभाष निषाद के खिलाफ दर्ज किया है। सुभाष को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, लेकिन डॉक्टर फरार है।
एएसपी मानुष पारिक ने कहा कि सत्यम हॉस्पिटल संचालित करने के लिए कराए गए रजिस्ट्रेशन में डॉ. सुनील कुमार सरोज के प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया गया। जांच में सामने आया कि सत्येंद्र शर्मा ने विरेंद्र राय के द्वारा 25 हजार रुपये संचालक से लेकर सीएमओ दफ्तर में कार्यरत बाबू की मदद से रजिस्ट्रेशन कराया। विवेचना में सत्येंद्र कुमार की संलिप्तता पाए जाने पर गिरफ्तारी की गई। अन्य की भूमिका की जांच की जा रही है।