25 करोड़ का घर और 10 करोड़ की पोस्टिंग,सबसे बड़ा लुटेरा अधिकारी?
सभी जानते हैं वन विभाग की पूरी फंडिंग अभी कैम्पा मद से ही होता हैं।केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ वन विभाग को 5700 करोड़ दिया गया था? इस कैम्पा के पद पर 4 साल से एक ही आईएफएस अधिकारी श्रीनिवास राव का बैठे रहना संदेहास्पद हैं? बीजेपी के सांसद और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव द्वारा इसी वर्ष संसद में छत्तीसगढ़ कैम्पा के 4 सालो के कामों की जाँच की माँग की गयी? सूत्रों के अनुसार कैम्पा के सभी कामों में ये 3% तक का कमीशन ले रहे हैं और एक मोटी रक़म वनमंत्री को पहुँचा रहे हैं? कैम्पा में भ्रष्टाचार का एक नमूना मरवाही वनमंडल के कामों की सीसीएफ के जाँच प्रतिवेदन से पता चल जाता हैं कि कैसे श्रीनिवास राव के दलाल डीएफओं राकेश मिश्रा फ़र्ज़ीवाड़ा किए हैं? ये मुद्दा विधानसभा में भी उठाया गया था? पिछले वर्ष कैम्पा के फंड से पट्रोलिंग गाड़ियों के जगह लक्जरी गाड़ियाँ सभी वनमंडलो में ख़रीदी गयी वो भी बिना माँगपत्र के? कैम्पा मद से बोलेरो जैसी गाड़ी ख़रीदी जाती हैं जिससे जंगल में वनकर्मी निरीक्षण कर सकते हैं? पर श्रीनिवास राव ने पेट्रोलिंग गाड़ी के जगह सभी अधिकारियों के लिए लक्जरी स्कोर्पियो ख़रीद लिया? और ये ख़रीदी वनमंडलो ने नहीं बल्कि खुद कैम्पा के बॉस ने अपने कार्यालय से सीधे ख़रीदा? सूत्रों से जानकारी मिली हैं कि श्रीनिवास राव ने एजेन्सी से डील करके गाड़ियों में कुछ सामान कम करवा के कमीशन लिया और 35 गाड़ियाँ सीधे ख़रीद लिया? इस मुद्दे को पीछले साल अख़बारों ने उठाया भी था और विधानसभा में प्रश्न भी लगा।पर क़ोरोना के चलते मामला दब गया।सोशल मीडिया में हाल ही में खबरें वाइरल हो रही थी कि ये अपने गृहग्राम हैदराबाद में 25 करोड़ का आलीशान घर बना रहे हैं।छत्तीसगढ़ का पैसा लूट के आंध्र प्रदेश में इन्वेस्ट कर रहे हैं? इसके अलावा पीसीसीएफ बनने के लिए 10 करोड़ का पेशकस किए थे जबकि इनके ऊपर 7 सीनियर थे।पर तकनीकी अर्चन और बदनामी के डर से नेताओ ने संजय शुक्ला को पीसीसीएफ बना दिया?
पर श्रीनिवास राव उनके मई में सेवनिवृत्ति के बाद पीसीसीएफ बनाए जाने की ख़बर हैं? खबरें आ रही हैं कि इनका ईडी और इंकम टैक्स में लम्बी चौड़ी शिकायत हो चुकी हैं? हैदराबाद में मनी लॉंडरिंग के पुख़्ता ख़बर मिली हैं? शिकायत इनके विभाग के उच्च अधिकारी ही करवाए हैं? परिणामस्वरूप श्रीनिवास राव आजकल हैदराबाद के चक्कर लगा रहा हैं और अपने काले करतूतों को ठिकाने लगा रहे हैं? ऐसे भ्रष्ट और काली करतूत वाले अधिकारी विभाग को ख़राब कर देते हैं? राकेश चतुर्वेदी इसका सबसे बड़ा प्रमाण हैं? श्रीनिवास राव राष्ट्रप्रसिद्ध आरामिल कांड के आरोपी थे? धमतरी डीएफओ रहते आरा मिल के बिना इन्स्पेक्शन किए फ़र्ज़ी वाउचर बना के शासन को करोड़ों का चूना लगाने का आरोप लगा था? बाद में अपने राजनीतिक रसूख़ के चलते आरोप पत्र नसतिबद्ध करवा लिया? जबकि इसी केस में डीएफओं हेमंत पांडेय आज तक फँसे हुए हैं और एक रेंजर का तो अनिवार्य सेवनिवृत्ति तक हो चुका पर श्रीनिवास राव अब तक बचा हुआ हैं? केस को फिर से खोलने की ज़रूरत हैं?