टोक्यो ओलंपिक के आगाज में अब कुछ ही दिन बचे हैं। 23 जुलाई से ओलंपिक खेल 2020 खेले जाने हैं, यह खेल पिछले साल ही होने थे, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते इनको स्थगित करना पड़ा था। भारत ने ओलंपिक खेलों में अभी तक कुल 9 गोल्ड, 7 सिल्वर और 12 ब्रोन्ज मेडल जीते हैं। पहले ओलंपिक खेल 1896 में ग्रीस के एथेंस में खेले गए थे। भारत ने पहली बार ओलंपिक खेलों में 1900 में हिस्सा लिया था। चलिए एक नजर डालते हैं भारत ने कब-कब ओलंपिक खेलों में मेडल जीते हैं-
आजादी से पहले : 1900-1936
भारत ने 1900 में पहली बार ओलंपिक में भाग लिया। उस साल भारत ने सिर्फ एक एथलीट भेजा। उनका नाम था नॉर्मन प्रिचर्ड। उन्होंने देश के लिए पुरुषों की 200 मीटर की रेस और 200 मीटर हर्डल इवेंट में मेडल जीते थे। उसके बाद से भारत हर ओलंपिक में हिस्सा लेता है। 1920 में भारत ने पहली बार ओलंपिक खेलों में अपनी टीम भेजी थी, जिसमें 6 एथलीट और 2 रेसलर थे। 1928 तक भारत को अपने अगले मेडल का इंतजार करना पड़ा था।
1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में भारत को हॉकी में अपना पहला गोल्ड मेडल मिला। भारत ने ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड को और फाइनल में नीदरलैंड को हराया। 1932 में भारत ने अमेरिका को 24-1 के रिकॉर्ड अंतर से हराया, जो आज भी कायम है। 1936 के बर्लिन ओलंपिक में जर्मनी को 8-1 से हराया। उस समय भारत ब्रिटिश इंडिया के तरफ से खेलता था।
आजादी के बाद :1948-2000
विश्व युद्ध के कारण अगला ओलंपिक 1948 में लंदन में खेला गया। यहां भी भारत ने हॉकी में गोल्ड मेडल जीता। स्वतंत्र भारत में भारत का ये पहला ओलंपिक मेडल था। 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में भारत को पहला इंडीविजुअल मेडल तब मिला जब, खाशबा दादा साहेब जाधव ने कुश्ती में ब्रोन्ज मेडल जीता। 1952 में भी भारत ने हॉकी में गोल्ड जीता था।
1956 के मेलबर्न ओलंपिक में एक बार फिर भारत ने हॉकी में गोल्ड मेडल जीता। 1960 के रोम ओलंपिक में भारत पहली बार गोल्ड से चूका, टीम को सिल्वर से संतोष करना पड़ा। 1964 के टोक्यो ओलंपिक में एक बार फिर भारत ने हॉकी में गोल्ड मेडल जीता। 1968 के मेक्सिको सिटी ओलंपिक में भारत की हॉकी टीम ने ब्रोन्ज मेडल जीता। 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में एक बार फिर हॉकी टीम को ब्रोन्ज मेडल मिला। 1980 के मॉस्को ओलंपिक में भारत को फील्ड हॉकी में गोल्ड मेडल मिला। यह भारत का हॉकी में आखिरी मेडल है।
1980 के बाद 1996 के अटलांटा ओलंपिक में लिएंडर पेस ने टेनिस में ब्रॉन्ज मेडल जीता, जो भारत का ओलंपिक में टेनिस में मिला अब तक का इकलौता मेडल है। 2000 के सिडनी ओलंपिक में भारत की कर्णम मल्लेश्वरी ने भारोत्तोलन में 69 किलो वीमेंस कैटेगरी में ब्रोन्ज मेडल जीता। उन्होंने 240 किलो का वजन उठाया। कर्णम देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली महिला हैं।
2004-2016
2004 के एथेंस ओलंपिक में भारत के शूटर राज्यवर्धन सिंह राठौर ने मेंस डबल ट्रैप में शूटिंग में सिल्वर मेडल जीता। यह शूटिंग में भारत का पहला ओलंपिक मेडल था। साल 2008 के बीजिंग ओलंपिक में भारत ने पहली बार इंडीविजुअल गोल्ड मेडल जीता। भारत के शूटर अभिनव बिंद्रा ने मेंस 10 मीटर एयर राइफल केटेगरी में 700•5 अंक हासिल किया और गोल्ड जीता। उसी साल सुशील कुमार ने कुश्ती में भारत का 56 साल का सूखा खत्म करते हुए ब्रोन्ज मेडल जीता। सुशील ने मेंस फ्रीस्टाइल कैटेगरी में ये मेडल जीता। इसके बाद मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता।
साल 2012 का लंदन ओलंपिक भारत के लिए सबसे सफल रहा है। उस साल भारत ने 6 ओलंपिक मेडल जीते। इस साल विजय कुमार ने मेंस 25 रैपिड फायर पिस्टल में सिल्वर मेडल जीते और गगन नारंग मेंस 10 मीटर एयर राइफल में ब्रोन्ज मेडल जीता। सुशील कुमार ने मेंस फ्रीस्टाइल 66 किलो वर्ग में सिल्वर मेडल जीता और योगेश्वर दत्त ने मेंस फ्रीस्टाइल 60 किलो वर्ग में ब्रोन्ज मेडल जीता। सायना नेहवाल ने बैडमिंटन के वीमेंस सिंगल्स में ब्रोन्ज मेडल जीता और मैरीकॉम ने वीमेंस फ्लाइवेट में ब्रोन्ज मेडल जीता।
2016 के रियो ओलंपिक में भारत महज 2 मेडल जीतने में कामयाब रहा। वीमेंस फ्रीस्टाइल 58 किलो वर्ग में साक्षी मालिक ने ब्रोन्ज मेडल जीता। साक्षी भारत के लिए कुश्ती में पदक लाने वाली पहली महिला हैं। पीवी सिंधु ने बैडमिंटन के वीमेंस सिंगल्स में सिल्वर मेडल जीता। सिंधु फाइनल मैच हार गईं थी।