भारत केसरी न्यूज़ संवाददाता, चौक बाजार। महराजगंज सदर ब्लाक के अंतर्गत सिंचाई विभाग की भूमि पर इन दिनों ग्राम प्रधानों द्वारा मनरेगा के तहत मिट्टी का कार्य करा कर लाखों का भुगतान कराना आम बात हो गई है जोकि सिंचाई विभाग के बिना अनुमति के ही खंड विकास अधिकारी सहित ग्रामसभा के जिम्मेदार रोजगार सेवक व ग्राम विकास अधिकारियों की मिलीभगत से ग्राम सभा बड़हरा राजा व परासखाड में वर्ष 2020-21, 2021-22,2022 23 मनरेगा के तहत लाखों रुपए का मिट्टी कार्य करा कर घोटाले बाजी किया गया है। जो यह कार्य नहर पटरी व ड्रेन सफाई के नाम पर मनरेगा के तहत भुगतान करा लिया गया है
प्राप्त जानकारी के अनुसार सदर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम सभा बड़हरा राजा व परासखाड में सिचाई विभाग की जमीन पर बिना अनुमति लिए (एनओसी) जिम्मेदारों ने मनरेगा के तहत लाखों का कार्य करा कर घोटाले बाजी किया गया है। जो सूत्रों द्वारा बताया गया कि ग्राम सभा बड़हरा राजा के अखिलानन्द के खेत से दक्षिण में मतिवर के खेत तक नहर पटरी पर मिट्टी कार्य हेतु ₹265232 का मनरेगा के तहत 17 मास्टर रोल जारी हुआ है। जो दिनांक 14/06/21को दर्शाया गया है कि यह कार्य मनमानी ढंग से किया गया है जिससे लाखों रुपए का घोटाला किया जा सके। इसी प्रकार नाथनगर बार्डर से दक्षिण तरफ राजा राम के खेत तक नहर पटरी पर मनरेगा मिट्टी कार्य हेतु ₹292224 का मनरेगा के तहत 15 मास्टर रोल जारी हुआ है जो दिनांक 02/05/20-21 को दर्शाया गया है। सदर ब्लाक के ग्राम सभा परासखाड मे भी वही हाल जो अन्य ग्राम सभा में हुआ है। यहां भी यह कार्य नहर पटरी व ड्रेन सफाई के नाम पर मनरेगा के तहत भुगतान करा लिया गया है जिसमे सोईया टोले पर बुधीराम के दुकान से मेराज के खेत तक ड्रेन सफाई कार्य मे मनरेगा मिट्टी कार्य हेतु ₹108138 का मनरेगा के तहत 16 मास्टर रोल जारी हुआ है। जो दिनांक 02/05/21-22 को दर्शाया गया है। दूसरा कार्य झुगवां मे कैलाश के खेत से पूरब तक ड्रेन सफाई कार्य में मनरेगा मिट्टी कार्य हेतु ₹227910 का मनरेगा के तहत 15 मास्टर रोल जारी हुआ है जो दिनांक 20/04/21-22को दर्शाया गया है। बता दें कि सिंचाई विभाग के अनुसार किसी भी ग्राम सभा में सिंचाई विभाग की भूमि पर विभागीय अनुमति के बिना कोई भी कार्य करना कानूनी अपराध है जबकि जिम्मेदारों द्वारा जानबूझकर सिंचाई विभाग की जमीन पर मनरेगा का काम करा कर लाखों का भुगतान कराना सदर ब्लाक के ग्राम सभा बड़हरा राजा व परासखाड में आम बात हो गई है। इस ग्राम सभा के ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक दावा करते फिरते हैं कि हमने संबंधित विभाग से इसकी एनओसी बनवा ली है। जबकि सिंचाई विभाग के जिम्मेदार आमतौर पर ऐसा कुछ ना होने का दावा करते हैं। और तो और जिम्मेदार सेक्रेटरी, बीडीओ सहित सभी लोगों स्वीकृत देकर मनरेगा के तहत भुगतान भी करा लेते हैं। इस मामले मे स्थानीय ग्रामीणों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। इस सम्बन्ध में सिंचाई विभाग (सिंचाई खण्ड प्रथम) के सहायक अभियन्ता इमरान आलम ने बताया कि वर्ष 20-21व 21-22 तथा 22-23 में किसी भी माइनर पर एनओसी जारी नहीं किया गया है। अगर ऐसा हुआ है तो वह फर्जी है।