बिहार–
जे.पी.श्रीवास्तव की रिपोर्ट
पटना: केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की प्रबल इच्छा सभी नेताओं में होती है। मंत्रिमंडल में शामिल होने से न केवल रुतबा बढ़ता है, बल्कि सांसद को अपने क्षेत्र का विकास करने का भरपूर मौका मिलता है।
हम बात कर रहे हैं केन्द्रीय मंत्रिमंडल के आगामी विस्तार की,जिसकी सुगबुगाहट होनी शुरू हो गई है।यूपी सहित कई राज्यों के आगामी चुनाव की तैयारी में भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। क्योंकि पश्चिम बंगाल चुनाव में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है।
वैसे भी केन्द्रीय मंत्रिमंडल में कई मंत्रियों के पद खाली हैं और कई एक मंत्रियों के जिम्मे कई -कई विभाग हैं। ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार कर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करना चाहेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली जा रहे हैं। कहा यह जा रहा है कि वे अपनी आंख का इलाज कराने दिल्ली जा रहे है। लेकिन जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर.सी.पी.सिन्हा का बयान आया है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार का हिस्सा जेडीयू भी बनेगी और उसे मंत्रिमंडल में वाजिब स्थान मिलेगा। मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरा को इसी विस्तार से जोड़ कर देखा जा रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान के बाद कयासबाजी काफी तेज हो गई है।
दूसरी ओर जेडीयू के एक दूसरे कद्दावर नेता ललन सिंह का बयान आया है कि मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरा से मंत्रिमंडल विस्तार को कुछ लेना-देना नहीं है। मंत्रिमंडल विस्तार के लिए मुख्यमंत्री का दिल्ली जाना अटकलबाजी के सिवाय कुछ नहीं है। मंत्रिमंडल में किसी को शामिल करने या नहीं करने का विशेषाधिकार प्रधानमंत्री का होता है।
कहना नहीं होगा कि जेडीयू बीजेपी की सबसे भरोसेमंद पार्टी है और बिहार में कई वर्षों से दोनों पार्टियां सरकार में शामिल हैं। केन्द्र सरकार के पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में जदयू इसलिए सरकार में शामिल नहीं हुई कि उसे मंत्रिमंडल में मात्र एक स्थान दिया जा रहा था। लेकिन इस बार परिस्थितियां बिल्कुल बदली हुई हैं। प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल का विस्तार कब करेंगे और कितने लोगों को शामिल करेंगे,यह तो उनका विशेषाधिकार है, परन्तु इस बीच कयासबाजी का दौर राजनीति के गलियारे में काफी तेज हो गई है।
अब देखनेवाली बात है कि दोनों कद्दावर नेताओं में किसकी भविष्यवाणी सच साबित होती है। किसे मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे की विशेष जानकारी है। परन्तु इतना तय है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मंत्री बनने की ललक सभी सांसदों में होंगी।
