अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद व्हाइट हाउस में हुई हिंसा के मामले में सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दो साल तक के लिए सस्पेंड करने का फैसला लिया है। फेसबुक ने पाया है कि ट्रंप ने ही छह जून को हिंसा फैलाई थी। फेसबुक में ग्लोबल अफेयर्स के वाइस प्रेसिडेंट निक क्लेग ने शुक्रवार को एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, ”इस अवधि के अंत में, हम यह आकलन करने के लिए करेंगे कि क्या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जोखिम कम हो गया है या नहीं। हम बाहरी फैक्टर्स का मूल्यांकन करेंगे, जिसमें हिंसा के उदाहरण, शांतिपूर्ण सभा पर प्रतिबंध और नागरिक अशांति आदि शामिल है।”
इसके साथ ही, फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग द्वारा बनाई गई एक विवादास्पद नीति को समाप्त करने की भी योजना बना रहा है, जो राजनेताओं को अभद्र भाषा और दुर्व्यवहार पर प्रतिबंध लगाने वाले नियमों से छूट देता है। कंपनी ने कहा है कि उसने कभी भी इस नीति को ट्रंप पर लागू नहीं किया है। सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने शुक्रवार को कहा कि हालांकि यह अभी भी इस न्यूजवर्थनेस छूट को कुछ ऐसे पोस्ट पर लागू करेगी, जो इसे सार्वजनिक हित में होंगे। फेसबुक ने यह भी कहा कि जब भी वह किसी पोस्ट पर छूट लागू करेगा तो वह सार्वजनिक करेगा।
Facebook suspends former US President Donald Trump’s accounts for two years, effective from the date of the initial suspension on January 7 this year. pic.twitter.com/ZjeDJfwDit
— ANI (@ANI) June 4, 2021
फेसबुक ने यह ऐलान अपने ओवरसाइट बोर्ड के सिफारिशों के बाद किया है। पिछले महीने बोर्ड ने ट्रंप को सस्पेंड करने के फैसले को सही बताया था, लेकिन साथ ही यह भी कहा था कि कंपनी उन्हें अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड नहीं कर सकती है। पिछले महीने अपने फैसले में, बोर्ड ने फेसबुक के साथ सहमति व्यक्त की कि ट्रंप की 6 जनवरी की दो पोस्ट्स ने फेसबुक और इंस्टाग्राम दोनों के सामग्री मानकों का ‘गंभीर उल्लंघन’ किया। ट्रंप ने पहली पोस्ट में दंगाइयों से कहा, “हम आपसे प्यार करते हैं। आप बहुत खास हैं।” दूसरे में, उन्होंने दंगाइयों को महान देशभक्त कहा और उन्हें इस दिन को हमेशा याद रखने के लिए कहा।
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