बिहार—–
पटना:कहते हैं कि मन में लगन हो और दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है।इसे सच कर दिखाया है कि बिहार के पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी ने। लड़कियों को एडमिशन में 33 प्रतिशत आरक्षण देने की चाहे जितनी बड़ी-बड़ी बातें JNU और BHU वाले करते रहें हों लेकिन इतिहास रचने का काम कर दिखाया पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी ने। PPU ने ग्रेजुएशन कोर्सेज में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर इतिहास तो रचा ही है दूसरे यूनिवर्सिटी वालों के सामने एक उदाहरण पेश किया है, और यह कहा है कि यदि वास्तव में वे छात्राओं को समाज में आगे लाना चाहते हैं तो उन्हें एडमिशन में प्राथमिकता दें।ऐसा कर वे न केवल छात्राओं को जीवन आगे बढ़ने,समाज के लिए कुछ करने का अवसर देंगे बल्कि देश और विदेश में भी शिक्षा जगत में उदाहरण पेश करेंगे।
बताते हैं कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी जैसी जगहों पर आये दिन महिलाओं को सम्मान और अधिकार देने के लिए सेमिनार और परिचर्चा का आयोजन किया जाता रहता है। विश्व प्रसिद्ध वक्ता यहां आकर लड़कियों को समाज में आगे लाने के विषय पर लम्बी चौड़ी बातें कर चले जाते हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी स्तर पर नियम बनाकर छात्राओं को आगे लाने के लिए कोई बड़े प्रयास किये गये हों ऐसा कम ही देखने को मिलता है।
ऐसे में बिहार के पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी ने बातें कम करके लड़कियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने तथा समाज के लिए कुछ करने का अवसर प्रदान करते हुए एडमिशन में 33 फीसदी आरक्षण देकर दूसरे यूनिवर्सिटी के लिए उदाहरण पेश कर दिया है।
पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में 33% आरक्षण लागू होने के बाद पहले का 3% जुड़जाने से आरक्षण अब 36% हो जाएगा। अब कुल मिलाकर 100 में 38 सीटों पर लड़कियों का एडमिशन होगा।
जे.पी.श्रीवास्तव,
ब्यूरो चीफ, बिहार।