भारत केसरी न्यूज़ संवाददाता महराजगंज। गर्मी ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। जिले में तापमान का पारा 35 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। आगलगी की छिटपुट घटना शुरू भी हो गई है। आग लगने की सबसे भयावह स्थिति जिले में अप्रैल व मई माह में उस समय देखने को मिलती है, जब गेहूं की कटाई शुरू हो जाती है।
कभी कंबाइन मशीन के साइलेंसर तो कभी डंठल फूंकते लापरवाही की चिंगारी देखते ही देखते सैकड़ों एकड़ खड़ी फसल जलाकर राख कर देती है। जिले में आग से बचाव के लिए अग्निशमन विभाग अभी से तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते फायर से फाइटिंग में विभाग कई बार खुद को असहाय समझता है। फायर फाइटिंग के लिए जिले में सरकारी इंतजाम पर गौर करें तो अग्निशमन विभाग के पास तीन बड़े फायर टेंडर व तीन वाटर मिस्ट हैं। राजस्व रिकार्ड पर गौर करें तो बिहार व नेपाल से सटे महराजगंज जिला 2952 वर्ग किमी में फैला है। जिले की सीमा सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, कुशीनगर के अलावा बिहार के पश्चिमी चंपारण जिला व नेपाल के दो जिले रूपन्देही व नवलपरासी से जुड़ा है। अग्निशमन विभाग के पास कुल छह गाड़ियां हैं।