तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान अब भुखमरी की तरफ बढ़ रहा है। बुधवार को यूनाइटेड नेशन के अधिकारी ने इस संबंध में चेताते हुए कहा कि अफगानिस्तान में इस महीने के बाद जबरदस्त भुखमरी की स्थिति आ सकती है। यूएन अधिकारी ने कहा कि जिस तरह की चुनौतियों से अभी अफगानिस्तान गुजर रहा है उससे वहां खाने की किल्लत पैदा हो सकती है। स्थानीय मानवीय समन्वयक रमीज़ अलाकबारोव ने कहा कि देश की एक तिहाई आबादी आपातकालीन स्थिति का सामना कर रही है या फिर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही है। सर्दी का मौसम आ रहा है और देश सूखे का सामना कर रहा है ऐसे में अफगानिस्तान को काफी पैसों की जरुरत पड़ेगी ताकि लोगों को यहां भुखमरी से बचाया जा सके।
यूएन के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के तहत पिछले कुछ हफ्तों में यहां हजारों के बीच खाने का सामान वितरित किया गया है। लेकिन अभी भी यहां की एक बड़ी आबादी के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है। रमीज़ अलाकबारोव ने कहा कि तेजी से सर्दी का मौसम करीब आ रहा है। ऐसे में अगर अफगानिस्तान को और भी ज्यादा फंड नहीं दिया गया तब यहां फूड स्टॉक सितंबर के अंत तक खत्म हो सकता है।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया था। अब कई देशों ने यह अनुमान जताया है कि देश को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। खाने की समस्या के अलावा चिंता की बात यह भी है कि यहां सरकारी कर्मचारियों को पेमेंट भी नहीं मिल रहा और देश की करेंसी की कीमत भी काफी निचले स्तर पर पहुंच गई है। कुछ दिनों पहले रोम, स्थिति वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि 39 मिलियन लोगों वाले इस देश के 14 मिलियन लोगों के सामने खाने का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। अफगानिस्तान में तीन सालों में यह दूसरी बार सूखे जैसे हालात हैं। तालिबान के कब्जे से पहले भी सूखे जैसे हालात थे। डब्ल्यूपीएफ के आंकड़ों के मुताबिक अफगानिस्तान में लगभग 2 मिलियन बच्चे कुपोषण का शिकार हैं।
अमेरिका के अफगानिस्तान से हटने के बाद कई अफगानी अभी वेट एंड वॉच की भूमिका में हैं। वो अभी यह देख रहे हैं कि तालिबान यहां कैसे शासन करेगा। हालांकि, यह भी सच है कि अफगानी तालिबान के क्रूर शासन नीतियों से परिचित हैं। तालिबान राज में महिलाओं के घर से निकलने पर पाबंदियों के अलावा कई अन्य प्रतिबंध लागू किये गये थे। यहां तक कि गाना सुनने और फोटोग्राफी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।
अभी अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने यहां बेहतर शासन देने की बात कही है। तालिबानी नेताओं ने लड़कों और लड़कियों के लिए स्कूल खोलने की बात कही है। हालांकि, को-एजुकेशन पर तालिबान ने पुराना रवैया ही अपनाया है। महिलाओं को बुर्का पहन कर बाहर जाने की इजाजत है।