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टोक्यो ओलंपिक मेडलिस्ट रेसलर बजरंग पूनिया को लगा झटका, घुटने में चोट के कारण इस चैंपियनशिप से हुए बाह​र 

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टोक्यो ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट पहलवान बजरंग पूनिया आगामी रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि टोक्यो खेलों से पहले दाएं घुटने में लगी चोट (लिगामेंट टियर) के इलाज के लिए उन्हें छह हफ्ते के रिहैबिलिटेशन की सलाह दी गई है। रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप का आयोजन नॉर्वे के ओस्लो में दो से 10 अक्टूबर तक किया जाएगा और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम पूरा होने तक बजरंग ट्रेनिंग शुरू नहीं कर पाएंगे। ओलंपिक से पहले जून में रूस में लगी चोट की गंभीरता को जानने के लिए हाल में बजरंग ने एमआरआई कराया था और मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के खेल मेडिसिन केंद्र के प्रमुख डॉ. दिनशॉ परदीवाला से सलाह ली थी।

बजरंग ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘ लिगामेंट में चोट है और डॉ. दिनशॉ ने मुझे छह हफ्ते के रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम से गुजरने को कहा है। मैं रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाऊंगा। बाकी बचे साल में और कोई रैंकिंग प्रतियोगिता नहीं है मेरा सीजन खत्म हो गया है। इस साल कैलेंडर में रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप एकमात्र बड़ी प्रतियोगिता बची है। मैं इस साल किसी और टूर्नामेंट में खुद को हिस्सा लेते हुए नहीं देखता।’ 

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टोक्यो खेलों से पहले जून में रूस में अली अलियेव टूर्नामेंट में खेलते हुए बजरंग को चोट लगी थी। बजरंग उस टूर्नामेंट में अब्दुलमजीद कुदियेव के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के बीच से हट गए थे जब विरोधी खिलाड़ी ने मुकाबले के पहले पीरियड में उनके दाएं पैर को पकड़कर खींच लिया था। पैर खींचे जाने से बजरंग के दाएं घुटने पर असर पड़ा और वह लड़खड़ाते हुए तुरंत मुकाबले से हट गए। उन्होंने हालांकि ओलंपिक में हिस्सा लिया और 65 किग्रा वर्ग में बॉन्ज मेडल जीता।

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बजरंग ने कहा, ‘ यह मेरा पहला ओलंपिक था और मैंने ओलंपिक पदक जीतने का सपना देखा था, टोक्यो में मैं दर्द के बावजूद खेला। मुझे ऐसा करना ही था।’ बजरंग ने कहा कि वह जॉर्जिया के अपने कोच शाको बेनटिनिडिस के साथ ट्रेनिंग जारी रखना चाहते हैं। बेनटिनिडिस स्वदेश लौट चुके हैं क्योंकि भारतीय कुश्ती महासंघ ने अब तक उन्हें नया अनुबंध नहीं दिया है। कुश्ती महासंघ विदेशी कोचों को नए अनुबंध देने पर फैसला करने से पहले सभी पहलवानों के साथ बैठक करके उनका पक्ष जानेगा। बजरंग बेनटिनिडिस के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग करते थे जबकि ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया के निजी कोच रूस के कमाल मालिकोव थे।

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दीपक पूनिया के कोच रूस के मुराद गेदारोव थे जिन्हें ब्रॉन्ज मेडल के प्लेआफ में रैफरी से मारपीट के कारण टोक्यो ओलंपिक से बाहर कर दिया गया था। दीपक ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में सेन मरिनो के माइल्स नाजिम एमिन से हार गए थे। डब्ल्यूएफआई ने इसके बाद गेदारोव का अनुबंध रद्द कर दिया था। डब्ल्यूएफआई के सूत्रों ने बताया कि रवि के कोच मालिकोव को नया अनुबंध मिलना लगभग तय है और बजरंग अगर बेनटिनिडिस के साथ ट्रेनिंग जारी रखना चाहते हैं तो उनसे पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होने के बावजूद महासंघ भारतीय पहलवान के आग्रह पर विचार कर सकता है।

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