प्रशांत किशोर और उनके जन सुराज से ही होगा बिहार का कायाकल्प
फोटो – जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर के समक्ष जन सुराज में शामिल होते संतोष मेहता।
पटना ( 25 अक्टूबर)। जदयू के वरिष्ठ नेता और जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष मेहता ने जदयू से नाता तोड़ लिया है और जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर के नेतृत्व में आस्था जताते हुए जन सुराज की सदस्यता ग्रहण कर ली है। उन्होंने जदयू नेता और बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार पर सभी बिहारियों को खासकर अति पिछड़ी जातियों को ठगने और उस समाज के लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उक्त जानकारी आज यहां जारी एक बयान में जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने दी है। श्री मेहता ने कहा है कि प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाले जन सुराज से ही सभी बिहारियों का कायाकल्प हो सकेगा। जन सुराज की सोंच बिहार और बिहारियों को विकसित करना है। श्री ठाकुर ने बताया कि सारण के कद्दावर नेता श्री मेहता 1991 में जनता दल से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। 2005 में जदयू से जुड़े और 2007 से 2010 तक जदयू के सारण जिला अध्यक्ष बनाये गये। अपनी सांगठनिक क्षमता और लोकप्रियता से वे प्रदेश की राजनीति में पहुंचे और वर्ष 2010 से 2015 तक प्रदेश जदयू के उपाध्यक्ष बनाये गये। अति पिछड़ों में उनकी बढ़ती लोकप्रियता और सांगठनिक क्षमता से प्रभावित होकर नीतीश कुमार ने उन्हें 2017 में जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया। श्री मेहता वर्ष 2017 से 2020 तक राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। अपने सत्तरह साल के राजनीतिक जीवन में वे नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के काफी करीब रहे।
आज़ प्रशांत किशोर के समक्ष जन सुराज की सदस्यता ग्रहण करने के बाद श्री मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के गरीबों,अति पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों समेत सभी वर्गों के लोगों का भरोसा तोड़ा है तथा बिहारियों को अपनी किस्मत पर रोने के लिए छोड़ दिया है। विकास कुछ भी नहीं हुआ और शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर उन्होंने गांव के गरीबों के साथ धोखाधड़ी की है। उन्होंने कहा कि उन्हें एक मिनट भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।