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अचानक बदले मौसम ने बढ़ाई किसानों की धड़कन

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दो दिन मौसम साफ रहने के बाद शनिवार को फिर एक बार मौसम पलटने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। हवा में बार-बार हो रहा बदलाव फसलों की सेहत के लिए मुफीद नहीं है।

महराजगंज। लगातार बढ़ रहे तापमान के बीच शनिवार को मौसम अचानक बदल गया। आसमान में छाए काले बादलों की घटा ने किसानों की धड़कन को बढ़ा दिया। मौसम वैज्ञानिक तेज आंधी और गड़गड़ाहट के साथ बारिश की संभावना जता रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार मौसम बिगड़ा तो गेहूं, सरसों, मटर आलू समेत कई फसलों को नुकसान हो सकता है।
रबी सीजन में बोई जाने वाली फसलों की मार्च- अप्रैल में ही कटाई की जाती हैं। जिले में 1.95 लाख हेक्टेयर में बोई गई गेहूं की फसल में बाली आ चुकी है और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में कटाई शुरू हो जाएगी। अब तक किसान लगातार बढ़ रहे तापमान को लेकर चिंतित थे। लेकिन अब अचानक मौसम बदलने से किसान चिंतित हो गए। तेज हवा के साथ बारिश अधिक हुई या ओले पड़े तो खेतों में खड़ी फसल नष्ट हो जाएगी। किसान रविंद्र, भगत सिंह, कलुआ और रतन का कहना है कि इस समय अगेती गेहूं की फसल में बाली निकल आई और दाना पड़ रहा है। पछेती गेहूं की फसल में अभी बाली आनी शुरू हो गई है। सरसों व मटर समेत तिलहन की फसल पकने की कगार पर हैं। आलू की खुदाई भी जारी है। अभी तक तो लगातार बढ़ रहे तापमान को लेकर फसलों के उत्पादन की चिंता सता रही थी। वहीं, अब अचानक बादल छाने और बारिश होने की संभावना ने फसलों के नुकसान की चिंता सताने लगी है। कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डा. विवेकराज का कहना है कि इस समय बदले मौसम के मिजाज के बीच तेज आंधी व गड़गड़ाहट के साथ बारिश की संभावना बन रही है। यदि ऐसा होता है तो गेहूं समेत सभी फसलों को नुकसान होगा। गेहूं गिर जाने से बाली में दाना नहीं बनेगा और उत्पादन कम होगा। मटर समेत तिहलन की फसल भी खराब होगी। आलू के खेत में पानी भरने से फसल गलने से किसानों को नुकसान होगा।