भारत की सभी 10 महिला मुक्केबाजों ने एशियाई चैंपियनशिप में मेडल जीते, लेकिन मुख्य कोच मोहम्मद अली कमर का मानना है कि अगर कोविड-19 के कारण उनके अभ्यास में बाधा नहीं पड़ती, तो गोल्ड मेडल और ज्यादा भारत के नाम होते। भारतीय महिला टीम ने 10 भार वर्गों में हिस्सा लिया था। उसने एक गोल्ड, तीन सिल्वर और छह ब्रोन्ज मेडल जीते।
इनमें से सात मेडल तो ड्रॉ के दिन ही पक्के हो गए थे, क्योंकि इनमें कम प्रतिस्पर्धियों ने हिस्सा लिया था। अली कमर ने कहा, ‘मैं ओवरऑल प्रदर्शन से काफी संतुष्ट हूं। हां, हम अधिक गोल्ड मेडल जीत सकते थे, लेकिन हमें चैंपियनशिप से पहले अभ्यास करने का ज्यादा मौका नहीं मिला, इसलिए मैं शिकायत नहीं कर सकता।’ उन्होंने कहा, ‘सभी सिल्वर मेडलिस्ट करीबी मुकाबलों में हारे और उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। एक कोच के रूप में मैं इससे अधिक उम्मीद नहीं कर सकता।’
अली कमर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा), टूर्नामेंट में डेब्यू करने वाली लालबुतसाई (64 किग्रा) और अनुपमा (81 किग्रा से अधिक) की करीबी हार के बारे में बात कर रहे थे। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी पूजा रानी (75 किग्रा) भारत की तरफ से गोल्ड मेडल जीतने वाली इकलौता महिला मुक्केबाज रहीं। भारतीय टीम का राष्ट्रीय शिविर दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में चल रहा था, लेकिन कोविड-19 के कई मामले पाए जाने के बाद इसे रोक दिया गया था।
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