स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी की हर्ट अटैक से मौत, पत्नि ने सीएमओ पर लगाए प्रताड़ित करने का आरोप : गौरव मिश्रा
स्वास्थ्य विभाग कुशीनगर के सीएमओ कार्यालय में तैनात मनोज कुमार निवासी ग्राम पपउर थाना रामकोला जनपद कुशीनगर की मृत्यु आज प्रातः दिल का दौरा पड़ने से हो गई । पत्नि ने मनोज कुमार की मृत्यु के बाद रामकोला थाने में सीएमओ कुशीनगर सुरेश पटारिया के खिलाफ पुलिस को तहरीर सौंपी है , पुलिस को दी गई तहरीर में पीड़िता ने आरोप लगाया है ,”उनका कहना है कि मैं और मेरे पति मनोज कुमार मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन एनएचएम में संविदा पर कार्यरत हैं मेरी नियुक्ति स्थल कप्तानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर हैं तथा मेरे पति की नियुक्ति एसीपी क्वालिटी जनपद मुख्यालय में संविदा पर है हम कम वेतनभोगी हैं तथा किसी प्रकार से अपना जीवन यापन करते हैं। ऐसे में सीएमओ कुशीनगर विगत कुछ माह से मुझे व मेरे पति पर यह बार-बार दबाव बना रहे थे कि मुझे रिश्वत दो अन्यथा तुम्हें हम परेशान करते रहेंगे ,पीड़ित की पत्नी के प्रार्थना पत्र के अनुसार सीएमओ प्रतिमाह ₹5000 रूपये की मांग करते थे हालांकि इस आरोपों में कितना दम है यह तो जांच के बाद का विषय है लेकिन अगर इस तरह के आरोप लग रहे हैं तो वाकई में मामला गंभीर है।
इसके बाद उसकी पत्नी ने आरोप लगाया कि मेरे पति जब भी सीएमओ साहब के कार्यालय में जाते थे तो उनको भद्दे भद्दे शब्दों का प्रयोग करते हुए उनको कहते थे कि मैं किसी दिन तुम्हें और तुम्हारी पत्नी को नौकरी से निकलवा दूंगा और मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजवा दूंगा जिसके कारण मेरे पति विगत कुछ माह से बहुत ही परेशान रहते थे इसी दौरान दिनांक 11 जुलाई 2022 को मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गलत आरोप लगाकर बिना किसी आरोप के अवैध तरीके से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कप्तानगंज से रामकोला ट्रांसफर कर दिया गया जब इस संबंध में मेरे पति सीएमओ साहब से बात करने का प्रयास किए तो उन्होंने कहा कि तुम और तुम्हारी पत्नी मेरी बात नहीं मानोगे तो उसका परिणाम ऐसे ही भुगतोगे ऐसे में मेरे पति ने कहा कि सर हम लोग कम वेतन भोगी हैं और बहुत गरीब परिवार से हैं हम लोग आपको कहां से प्रतिमाह ₹5000 दे पाएंगे इस पर उन्होंने अपने में आफिस बुलाते हुए कहा कि मैं कुछ नहीं जानता तुम जहां मर्जी रहो इसके बाद मेरा वेतन बाधित कर दिया एवं 11 अगस्त को है 22 को उनके द्वारा हस्ताक्षरित एवं दिनांक 17 अगस्त 2022 को जारी की गई पत्र में मेरा नाम बार-बार लिखकर इस प्रकार धमकाया जा रहा था कि मेरे आदेश के विरुद्ध आप लोग माननीय उच्च न्यायालय में क्यों गए एवं कॉल मौखिक रूप से मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा यह कहा गया कि तुम्हारी हैसियत कैसे हो गई कि तुम मेरे खिलाफ हाईकोर्ट चले गए इस केस को तुरंत वापस लो अन्यथा तुम्हारी और तुम्हारी पत्नी की नौकरी चली जाएगी इसके तुरंत बाद कल शाम से ही मेरे पति की तबीयत बिगड़ने लगी और उनकी मृत्यु हार्ड अटैक से हो गई ”
वहीं इस संबंध में जब हमने सीएमओ से बात की तो सीएमओ ने कहा ,”ये सारे आरोप निराधार हैं, बेबुनियाद आरोप लगाकर मुझे फंसाने व बदनाम करने की कोशिश की जा रही है “