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सफाई कर्मी कर रहे मौज और बच्चों के हाथ में किताब की जगह दिख रहा झाड़ू     

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सफाई कर्मी कर रहे मौज और बच्चों के हाथ में किताब की जगह दिख रहा झाड़ू

 

 

 

शिकारपुर/बुलन्दशहर:- बालश्रम को लेकर कितनी बार आवाजें उठाई गयी हैं। इसे रोकने की कितनी बार कोशिश की गयी है। लेकिन आज भी कई इलाकों में ये प्रचलित है। साफ सफाई की व्यवस्था के लिए जहां कर्मचारी तैनात किए गए हैं, वहां भी बच्चों से सफाई करवाई जा रही है। नगर पालिका शिकारपुर में तैनात किए गए सफाई कर्मी अपने घरों और दफ्तरों में बैठकर मौज मस्ती कर रहे हैं और उनकी जगह पर नाबालिग बच्चें काम कर रहे हैं।

 

 

 

जो बक्त बच्चों के हाथ में कलम किताबों का होता है उस वक्त नगर पालिका की तरफ से बड़ी लापरवाही बरतते हुए नाबालिग बच्चे के हाथ में नगर की सफाई की जिम्मेदारी दे दी जाती हैं जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है बताते चले कि वायरल वीडियो शिकारपुर कस्बा का बताया जा रहा है जहां नगर की सफाई करता हुआ एक नाबालिग साफ दिखाई दे रहा है झाड़ू लगा रहा यह नाबालिग या तो किसी सफाई कर्मचारी का हैं या किसी सफाई कर्मचारी द्वारा मजदूरी पर भेजा गया हैं, यह कोई शिकारपुर नगर पालिका का पहला मामला नहीं है ऐसे मामलों में पहले से ही शिकारपुर नगर पालिका में चर्चित रहे हैं जबकि वायरल वीडियो की जानकारी नगरपालिका चेयरमैन फूलवती राना व ईओ राजीव जैन को समय से ही दें दी गई थी उसके बाबजूद भी विभागीय अधिकारियों की बड़ी लापरवाही प्रकाश में आई है पूर्व में भी हुई ऐसी घटनाओं को स्थानीय मीडिया कई बार प्रकाशित कर चुकी है लेकिन मामले पर शिकारपुर ईओ द्वारा कोई संज्ञान नही लिया जाता हैं, आपको बता दें बसपा शासन काल में जिला प्रशासन स्तर पर सफाई कर्मियों की भर्ती की गयी है। इसमें बाल्मीकि समाज के अलावा अन्य वर्ग के लोगों ने नौकरी पा ली थी। सदियों से सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाले बाल्मीकि समाज के लोगों ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया भी दी थी। लेकिन शुरुआती दौर में अन्य वर्ग के नौकरी पाए लोगों ने राजस्व गांवों व नगर पालिका में थोड़ी बहुत सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभाला था। जब से ही कई शहरों में ऐसा देखने को मिला है कि जो सफाई कर्मचारी तैनात होता है वह अपनी स्थान पर किसी नाबालिग बच्चें को रोजाना दिहाड़ी पर अन्य को सफाई के लिए भेज दिया जाता हैं ऐसा ही एक मामला काफी लम्बे समय से शिकारपुर नगर में देखने को मिल रहा हैं जहाँ नाबालिग बच्चें सफाई करते दिखाई देतें है, जब मामले की जानकारी शिकारपुर चेयरमैन फूलवती राना ने ली गई तो बताया कि वायरल फोटो को आते ही मैंने ईओ शिकारपुर को जानकारी दे दी गई थी पहले भी ऐसे मामलों की जानकारी समय समय पर दी गई है लेकिन ईओ द्वारा कोई भी कठोर कार्यवाही नहीं की जाती हैं, जब मामले की जानकारी शिकारपुर ईओ राजीव कुमार जैन से ली गई तो बताया कि वायरल वीडियो की जानकारी नहीं हैं ऐसा कोई मामला संज्ञान में आता है तो सात दिवसीय नोटिस जारी कर जांच कर उचित कार्यवाही की जायेगी, अब साफ नजर आ रहा हैं कि ईओ राजीव कुमार जैन अपनी सफाई में स्वंय बचते नजर आ रहें जबकि चेयरमैन ने साफ बताया गया था कि वायरल वीडियो की जानकारी ईओ को दें दी गई है, मामले में जानकारी एसडीएम शिकारपुर से ली गई तो उन्होंने जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था, परंतु तीन दिन गुज़र जाने के बाद भी जांच के नाम पर अधिकारियों की कलम तो रुक ही जाती है लेकिन जो समय नाबालिग बच्चें की पढ़ाई का होता है वह उसको नहीं मिल पाता है अगर ईओ शिकारपुर व नगर पालिका चेयरमैन समय रहते हुए सख्ती बरतें तो नाबालिग बच्चें सफाई नहीं करेंगे और ना ही सफाई कर्मचारी नगर में खाली घूमते नजर आयेगें, विभाग की लापरवाही के कारण ही नाबालिग बच्चें सड़क व नालियों की सफाई करते दिखाई दे रहे हैं

 

 

किताबों की जगह हाथों में झाड़ू

 

जिन बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए, उन हाथों में झाड़ू देखने को नहीं मिलता। गलियों में झाड़ू लेकर सफाई करते दिखते हैं बच्चे।

झाडू लगा रहे शिकारपुर कस्बे में नाबालिग बच्चें का यह वीडियो साफ बता रहा हैं कि कस्बे में तैनात सफाई कर्मी का बच्चा है या सफाई कर्मचारी काम के बदले रोजाना दिहाड़ी देता है और वह नाबालिग अपने परिवार की हालत खराब होने के चलते यह काम करता है। आर्थिक व्यवस्था कमजोर होने पर बालश्रम का शिकार बने बच्चे मजबूरी में ये काम करते हैं।