विनेश फोगाट की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही, जिन्होंने कुश्ती विश्व चैम्पियनशिप के लिए ट्रायल बीच में ही छोड़ दिया जबकि उनकी चचेरी बहन टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग पूनिया की पत्नी संगीता (62 किलो) ने तीन साल बाद शानदार वापसी करते हुए भारतीय टीम में जगह बनाई। इस महीने की शुरुआत में अनुशासनात्मक कारणों से भारतीय कुश्ती महासंघ का निलंबन झेलने वाली विनेश को बाद में चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। ट्रायल में सभी की नजरें उन पर थी लेकिन वह शुरू ही से कमजोर नजर आई।भारत की सबसे कामयाब महिला पहलवान विनेश ने 55 किलोवर्ग के पहले मुकाबले में अंजू को 10-5 से हराया, लेकिन वह फॉर्म में नहीं दिखी। इसके बाद पिंकी के खिलाफ वह मैट पर उतरी ही नहीं जिससे दो से 10 अक्टूबर तक होने वाली चैम्पियनशिप में पिंकी को टीम में जगह मिली।
While Vinesh’s woes continued, her cousin Sangeeta Phogat made a fine comeback to the mat after three years by sealing her spot for the wrestling world championships | #Wrestling https://t.co/yv4Cq44CET
— India Today Sports (@ITGDsports) August 31, 2021
विनेश ने कहा, ‘ मुझे नहीं पता कि मुझे क्या हो गया है। चोट नहीं है लेकिन मुझे चक्कर आ रहे थे। मेरा शरीर पहले जैसा नहीं है। मैं डॉक्टर को दिखा रही हूं। शायद कोरोना संक्रमण का शरीर पर असर हुआ है।’ विनेश ने पहले भी कहा था कि टोक्यो ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में उन्हें कुछ सूझ नहीं पड़ रहा था। वह मुस्कुरा रही थी लेकिन अपनी निराशा छिपा नहीं सकी।
वर्ल्ड चैम्पियनशिप से पहले फिर से ट्रायल का अनुरोध कर सकते हैं ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया
ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट विजेता बजरंग पूनिया की पत्नी संगीता घुटने के दो आपरेशन के बाद मैट पर उतरी और शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने जूनियर विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता संजू देवी को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हराया और फिर मनीषा को 9-5 से मात दी। मुकाबले के दौरान बजरंग कोच कॉर्नर पर खड़े थे। संगीता घुटने के आपरेशन के कारण 2018 विश्व चैम्पियनशिप नहीं खेल सकी थीं। फिर 2019 में उनके बाएं घुटने का भी आपरेशन हुआ था। संगीता ने कहा, ‘ मेरे पिता (महावीर फोगाट) ने मुझे कुश्ती सिखाई और अब बजरंग प्रेरित करने के साथ सलाह देते रहते हैं।’ इसी 62 किलो वर्ग में रियो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक को मनीषा ने हरा दिया।
जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा। शुभम कौशिक ने सीनियर राष्ट्रीय चैम्पियन पंकज को 8-3 से हराने के बाद रेलवे के अरूण को 57 किलो ट्रायल में 8-4 से मात दी। यश तुषिर ने अमित धनकड़ को 74 किलो फाइनल में हराया। वहीं गौरव बालियान ने नरसिंह यादव को मात दी। पृथ्वीराज पाटिल ने 92 किलो और अनिरूद्ध गुलिया ने 125 किलो में क्वालीफाई किया। रविंदर दहिया (61 किलो), रोहित (65 किलो), सुशील (70 किलो), संदीप मान (86 किलो) और सत्यव्रत कादियान (97 किलो) भी जीत गए। महिला वर्ग में अंशु मलिक ने 57 किलोवर्ग में मानसी और ललिता को हराकर टीम में जगह बनाई।
सरिता मोर (59 किलो), दिव्या ककरान (72 किलो), हैनी (50 किलो), पूजा जाट (53 किलो), भटेरी (65 किलो) , रितु मलिक (68 किलो) और किरण (76 किलो) ने भी क्वालीफाई कर लिया। ग्रीको रोमन वर्ग में संदीप (55 किलो), ज्ञानेंदर (60 किलो), गौरव दुहान (67 किलो), साजन (77 किलो), सुनील कुमार (87 किलो), रवि (97 किलो) और नवीन कुमार (130 किलो) ने भारतीय टीम में जगह बनाई। डब्ल्यूएफआई ने चार वर्गों (पुरूषों की फ्रीस्टाइल 92 किलो, ग्रीको रोमन 63 किलो और 82 किलो और महिलाओं के 76 किलोवर्ग) में ट्रायल फिर से कराने का फैसला किया क्योकि इन वर्गों में एक एक पहलवान ही पहुंचे थे।