टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट और भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया ने सोमवार को कहा कि चोट से उबरने पर वह वर्ल्ड चैम्पियनशिप से पहले अपने वर्ग में फिर से ट्रायल का अनुरोध कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलंपिक से पहले उनके घुटने में ही चोट नहीं लगी बल्कि उनकी मांसपेशी में भी खिंचाव आ गया था। बजरंग ने टोक्यो ओलंपिक में 65 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। उन्होंने कहा, ‘ घुटने की चोट के 15 दिन बाद मेरे बाएं पैर की मांसपेशी में भी खिंचाव आ गया था लेकिन मैंने चुप रहकर चोट के साथ ही खेलने का फैसला किया। मैं फिटनेस हासिल करने की दिशा में हूं और लगता है कि विश्व चैम्पियनशिप से पहले फिट हो जाऊंगा। अगर ऐसा हुआ तो महासंघ से अनुरोध करूंगा कि मुझे फिर से ट्रायल का मौका मिले।’
भारतीय कुश्ती महासंघ विश्व चैम्पियनशिप के ट्रायल मंगलवार को आयोजित कर रहा है। विश्व चैम्पियनशिप नॉर्वे के ओस्लो में दो से 10 अक्टूबर तक खेली जाएगी। इससे पहले, बजरंग ने कहा था कि वह आगामी रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि टोक्यो खेलों से पहले दाएं घुटने में लगी चोट (लिगामेंट टियर) के इलाज के लिए उन्हें छह हफ्ते के रिहैबिलिटेशन की सलाह दी गई थी। रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप का आयोजन नॉर्वे के ओस्लो में दो से 10 अक्टूबर तक किया जाएगा और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम पूरा होने तक बजरंग ट्रेनिंग शुरू नहीं कर पाएंगे। ओलंपिक से पहले जून में रूस में लगी चोट की गंभीरता को जानने के लिए हाल में बजरंग ने एमआरआई कराया था और मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के खेल मेडिसिन केंद्र के प्रमुख डॉ. दिनशॉ परदीवाला से सलाह ली थी।
टोक्यो खेलों से पहले जून में रूस में अली अलियेव टूर्नामेंट में खेलते हुए बजरंग को चोट लगी थी। बजरंग उस टूर्नामेंट में अब्दुलमजीद कुदियेव के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले के बीच से हट गए थे जब विरोधी खिलाड़ी ने मुकाबले के पहले पीरियड में उनके दाएं पैर को पकड़कर खींच लिया था। पैर खींचे जाने से बजरंग के दाएं घुटने पर असर पड़ा और वह लड़खड़ाते हुए तुरंत मुकाबले से हट गए। उन्होंने हालांकि ओलंपिक में हिस्सा लिया और 65 किग्रा वर्ग में बॉन्ज मेडल जीता।