निचलौल। ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें थाना निचलौल एक दरोगा द्वारा एक युवक को थप्पड़ मारा जा रहा है और फिर लात से मारते हुए वीडियो में दिखाया जा रहा है। जिस पर कई लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई और दरोगा को थप्पड़ बाज और वर्दी का धौंस वाले दरोगा बताने लगे।
ट्विटर के माध्यम से वायरल उक्त वीडियो की क्षेत्राधिकारी निचलौल द्वारा जांच के क्रम में थाना निचलौल पर तैनात उपनिरीक्षक अख्तर आलम से वार्ता की गई तथा प्रभारी निरीक्षक निचलौल से जानकारी की गई तो ज्ञात हुआ कि दिनांक 25.03.2023 को थाना निचलौल पर पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 91/23 धारा 420, 406 आईपीसी की विवेचना के क्रम में विवेचक उपनिरीक्षक अख्तर आलम द्वारा अभियोग से संबंधित पीड़ित पक्ष आरोपी नासिर सिद्दीकी, पन्ने लाल मौर्य आदि थाने पर आए थे। दोनों पक्ष आकर अपना-अपना पक्ष रख रहे थे। इसी दौरान आरोपी पन्ने लाल मौर्या व गुरफान अली के पिता उस्मान अली जांचकर्ता विवेचक उपनिरीक्षक अख्तर आलम पर नेमप्लेट देखकर जातिगत धार्मिक रूप से टिप्पणी करने लगे। विवेचक द्वारा मना करने पर भी नहीं मान रहे थे तथा विवेचक अख्तर आलम पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उग्र होकर कुर्सी से खड़े हो गए। जिस पर उपनिरीक्षक अख्तर आलम द्वारा हल्का बल प्रयोग करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु पन्नेलाल मौर्य तथा आरोपी गुरफान अली के पिता उस्मान अली को अंतर्गत धारा 151/107/116 में गिरफ्तार कर चालान मा. न्यायालय किया गया। जांच के दौरान यह भी प्रकाश में आया कि उक्त मुकदमे से संबंधित पीड़ित व आरोपी पक्ष निचलौल कस्बे के घोड़हवा चौराहे पर मुकदमा लिखवाने की बात को लेकर आमदा फौजदारी हुए थे तत्पश्चात दोनों पक्ष थाने पर आए। वायरल वीडियो की जांच थाना निचलौल के क्षेत्राधिकारी सूर्य बली मौर्य द्वारा किया गया जिनके रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर कौस्तुंभ ने उपनिरीक्षक अख्तर आलम को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया ।