कानपुर। जिले में पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने नकली नोट छापने वाले गैंग का भंड़ाफोड़ करते हुए 3 आरोपियों को पकड़ा है।पकड़े गए गैंग में IAS अफसर का पीएचडी होल्डर देवर और बीटेक पास युवक भी शामिल है। युवक का भाई भी पीसीएस अफसर है।पुलिस आयुक्त ने बताया कि पकड़ा गया एक आरोपी राजस्थान के भीलवाड़ा से बीटेक डिग्रीधारी है तो दूसरा पीएचडी कर चुका है। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि फिरोजाबाद में नोट छापे जा रहे थे। इन लोगों ने कानपुर को सप्लाई सेंटर बना रखा था। पहले पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर गुजैनी जी-ब्लॉक निवासी विमल सिंह चौहान को लाखों के नकली नोट के साथ पकड़ा। पुलिस के मुताबिक इनका धंधा पूरे यूपी में फैला हुआ है। ये लोग 40 हजार रुपए में 1 लाख के जाली नोट देते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से लाखों के नकली नोट और नोट छापने की मशीन भी बरामद की है।विमल ने पुलिस को बताया कि उसे फिरोजाबाद के कुंवर अनुज कुमार उर्फ छोटू और सौरभ सिंह नकली नोट सप्लाई करते हैं। पुलिस ने टीम बनाकर फिरोजाबाद में नकली नोट छापने वाले गोदाम पर छापा मारा। इसमें 4.59 लाख के जाली नोट और प्रिंटर समेत नकली नोट छापने का पूरा सामान बरामद किया।इसके साथ ही मास्टरमाइंड सौरभ सिंह को अरेस्ट कर लिया। सौरभ अराव रोड अवध नगर सिरसागंज थाना फिरोजाबाद का रहने वाला है। इसके अलावा कुंवर अनुज कुमार उर्फ छोटू भी पकड़ा गया। वह ग्राम गणपतिपुर थाना नगला खान फिरोजाबाद का रहने वाला है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि पकड़ा गया अनुज राजस्थान के भीलवाड़ा में एक कालेज से बीटेक डिग्रीधारी है तो सौरभ सिंह पीएचडी कर चुका है। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि सौरभ सिंह और कुंवर अनुज कुमार नकली नोट छापने के मास्टरमाइंड हैं। सौरभ के भाई PCS अफसर हैं और आगरा में तैनात हैं। जबकि भाभी IAS हैं और लखनऊ में नियुक्त है ।
अफसर दंपती का भाई सौरभ पीएचडी कर चुका है।इतना ही नहीं, वह भट्ठा भी चलाता है।परिवार पढ़ा लिखा और सम्मानित है लेकिन संगत बिगड़ने के चलते उसने नकली नोट छापने का धंधा खड़ा कर दिया। कुछ ही दिन में वह नकली नोटों का बड़ा सौदागर बन गया था। जबकि कुंवर अनुज कुमार उर्फ छोटू भीलवाड़ा राजस्थान से टेक्सटाइल में बीटेक कर रखा है। मौजूदा समय में वह कोई नौकरी नहीं कर रहा था।
यू-ट्यूब से सीखा नोट बनाना
अनुज और सौरभ ने पूछताछ में बताया कि दोनों ने यू-ट्यूब से नकली नोट बनाना सीखा था। उन्होंने पहले अपने घर में ही नोट छापना शुरू किया। जब परिवार के लोगों ने पूछताछ शुरू की, तो फिरोजाबाद के ही गणपतिपुर में किराए का गोदाम ले लिया।
उन्होंने बताया कि नोटों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही थी। इसके चलते अब घर में नकली नोट छापना संभव भी नहीं था। इसीलिए किराए का गोदाम लेकर दोनों ने वहां पर नकली नोट छापना शुरू कर दिया और प्रदेश भर में सप्लाई शुरू कर दी।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि आरोपितों के मोबाइल नंबर के आधार पर उनका नेटवर्क खंगाला जा रहा है। साथ ही कुछ समय पहले घाटमपुर में पकड़े गए नकली नोट छापने वाले गिरोह से इनके कनेक्शन की जांच की जा रही है। पुलिस आयुक्त ने राजफाश करने वाली पुलिस टीम को 50 हजार का इनाम और प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की है।