रविवार को जंतर-मंतर के पास भड़काऊ नारेबाजी के मामले में अश्विनी उपाध्याय समेत पांच लोगों की जांच की जाएगी। न्यूज एजेंसी एएनआई ने दिल्ली पुलिस के हवाले से यह जानकारी दी है। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि इस घटना में शामिल अश्विनी उपाध्याय और अन्य को गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि हम कानून के मुताबिक मामले को संभाल रहे हैं। किसी भी तरह की सांप्रदायिक विद्वेष को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर शुरू हुए ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ के दौरान केंद्र सरकार से आजादी की 75वीं वर्षगांठ से पहले सभी अंग्रेजी कानूनों खत्म कर नए कानून बनाए जाने की मांग की गई। इस दौरान सैकड़ों की तादाद में उमड़ी भीड़ में शामिल लोगों द्वारा कथित तौर पर आपत्तिजनक सांप्रदायिक नारे भी लगाए गए।
Five people including Ashwani Upadhyay to be examined in connection with inflammatory sloganeering near Jantar Mantar on Sunday: Delhi Police
— ANI (@ANI) August 10, 2021
प्रदर्शनकारियों ने ‘हिन्दुस्तान में रहना होगा, जय श्रीराम कहना होगा’ और ‘जब मुल्ले काटे जाएंगे, राम-राम चिलाएंगे’ जैसे नारे लगाए। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने अब इस संबंध में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
इस कार्यक्रम की अगुवाई सुप्रीम कोर्ट के वकील और पीआईएल मैन के नाम से प्रसिद्ध अश्विनी उपाध्याय ने की थी। अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि अंग्रेजी कानून बहुत घटिया हैं, इसीलिए प्रसिद्धि पाने के लिए मजहबी उन्माद फैलाया जाता है। जब तक घटिया अंग्रेजी कानूनों को बदलकर अच्छे कानून नहीं बनेंगे, तब तक अलगाववाद, कट्टरवाद और मजहबी उन्माद कम नहीं होगा 15 मिनट में हिंदुओं को खत्म करने वाला आज विधानसभा में बैठा है।