बिहार—–
पटना: सूत्रों से पता चला है कि सीएम नीतीश कुमार के पूर्व सहयोगी की पत्नी ने बेटी की दहेज हत्या के मामले में सीएम से गुहार लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। इस मामले को लेकर सेवान्ति देवी ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी दर्द भरी कहानी बताई है। सेवान्ति देवी ने सीएम को बताया है कि मामले के आरोपी 3 ननदें दस महिने से फरार हैं।
बताते चलें कि बिहार के बेगुसराय सराय जिला के टाउन थाना के पोखरिया में सेवान्ति देवी के बेटी अराधना की शादी हुई थी। शादी के बाद अराधना की नृशंस हत्या 31 अक्टूबर 2020 को ससुराल वालों ने कर दी थी। सेवान्ति देवी के अनुसार मामले की प्राथमिकी बेगुसराय थाना में दर्ज है। लेकिन इस मामले में अबतक 11 आरोपियों में से तीन की गिरफ्तारी नहीं हुई है।सेवान्ति देवी द्वारा इस मामले में पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया गया है।
सेवान्ति देवी के बेटे अमित कुमार का कहना है कि मेरी छोटी बहन अराधना की दहेज हत्या के मामले को लेकर मेरी मां रविवार को पंडारक में मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। मीडिया से जुड़े अमित ने बताया कि मेरी मां ने सीएम को बताया कि पुलिस आरोपियों के दबाव में आकर काम कर रही है। इतना ही नहीं सेवान्ति देवी ने पुलिस पर पैसे लेकर काम करने का आरोप भी सीएम के समक्ष लगाई।
अमित ने बताया कि उसके पिता स्वर्गीय शांति मोहन शर्मा उर्फ ओमजी पंडारक प्रखंड जेडीयू के 10 साल तक अध्यक्ष रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे स्व. पिताजी के पुराने साथी हैं। साल 2016 में मेरे पिताजी के निधन पर दो बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे घर पंडारक आये थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अब उन्हीं ओम जी की पत्नी, बेटी अराधना की दहेज हत्या के बाद इंसाफ का जंग लड़ रही है तो सीएम तक ने आंख मूंद रखी है।
अमित कुमार ने आगे बताया कि बेगुसराय में एफआईआर संख्या 601/2020 दर्ज है। अभी तक कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बावजूद तीन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस कांड के विषय में अमित ने बताया कि बहन अराधना की हत्या उसकी 4 साल की मासूम बेटी के सामने गला घोंटकर कर दी गई।इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई है। जिसमें कहा गया है कि प्रताड़ना के बाद गला घोंटकर हत्या की गई है। इसकी पुष्टि चश्मदीद बच्ची ने गला घोंटकर मारने और सभी बुआ के भाग जाने की बात बताई थी।
बताया जाता है कि बच्ची का विडियो 17 नवम्बर 2020 को ही बेगुसराय के एसपी अवकाश कुमार को सौंपा गया था। बावजूद इसके पुलिस ने आरोपित ननदों की गिरफ्तारी के लिए कुछ नहीं किया। पुलिस ने चार्जशीट में इसका जिक्र तक नहीं किया है। अमित कुमार का पूरा परिवार इसको लेकर सीएम से गुहार लगाता रहा। सीएम के पीए दिनेश राय ने कई बार कहा कि सीएम साहब ने बेगुसराय एसपी को निर्देश दे दिए हैं। लेकिन पुलिस आरोपियों की मिलीभगत से काम करती रही।बेहद दबाव में पुलिस ने 87 वें दिन कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। इतना सबकुछ होने के बावजूद पुलिस ने चार्जशीट में सास, ससुर और पति को आरोपी बनाया लेकिन ननदों को छोड़ दिया।
इसपर सीजेएम बेगुसराय ने पुलिस को फटकार लगाते हुए सभी पर संज्ञान लिया। सीजेएम ने लिखा कि आरोपी बनाने को लेकर पर्याप्त बातें चार्जशीट में ही मौजूद है, फिर गिरफ्तारी वारंट जारी होते रहे लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया।
जे.पी.श्रीवास्तव,
ब्यूरो चीफ, बिहार।