बिहार—–
जे.पी.श्रीवास्तव, बिहार
पटना: बिहार विधानपरिषद के 24 सदस्यों का कार्यकाल कल 16 जुलाई को समाप्त होने जा रहा है। विधानपरिषद में कुल 75 सदस्य थे । अब मात्र 51 सदस्य ही रह जायेंगे। इन 24 सदस्यों में ज्यादा सदस्य बीजेपी के हैं। राजद, जदयू और कांग्रेस पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
बताते चलें कि जिन 24 सदस्यों की सदस्यता समाप्त हो रही है वे सभी स्थानीय निकाय से निर्वाचित होकर विधानपरिषद पहुंचे थे। अब विडंबना यह है कि जबतक बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न नहीं हो जाता तबतक ये पद खाली रहेंगे।
विधानपरिषद में अब दलगत सदस्यों की संख्या की स्थिति भी बदल जायेगी। इसका असर सबसे ज्यादा भाजपा पर पड़ेगा।
जिन विधान पार्षदों का कार्यकाल 16 जुलाई को समाप्त होने जा रहा है उनमें रजनीश कुमार, सच्चिदानंद राय,रीना यादव, राधाचरण साह,टुन्नाजी पाण्डेय, संतोष कुमार सिंह, मनोरमा देवी,राजन कुमार सिंह,बबलू गुप्ता, सलमान रागिब, सुबोध कुमार, दिनेश प्रसाद सिंह,हरि नारायण चौधरी, दिलीप जायसवाल, अशोक अग्रवाल,संजय प्रसाद, नूतन सिंह,सुमन कुमार, आदित्य नारायण पाण्डेय एवं राजेश राम का नाम शामिल है। एक विधान पार्षद की मृत्यु हो चुकी है और तीन विधान पार्षद पिछले विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित हो चुके हैं।
दरभंगा से भाजपा के विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह की मृत्यु हो चुकी है, दानापुर से राजद के विधान पार्षद रीतलाल यादव दानापुर से राजद के विधायक बन गये हैं। वहीं सीतामढ़ी से राजद के विधान पार्षद दिलीप राय जदयू के टिकट पर विधायक बन गये हैं। जदयू के विधान पार्षद मनोज यादव भी विधायक बन चुके हैं।