बिहार —-
जे.पी.श्रीवास्तव, बिहार
पटना: बिहार की राजनीति में किसी न किसी मुद्दे को लेकर धींगामुश्ती होती ही रहती है। कभी जेडीयू तो कभी बीजेपी तो कभी हम तो कभी वीआईपी के बीच कशमकश होने की जानकारी मिलती रहती है।
अभी ताजा मामला बिहार में मंदिरों के दरवाजे बंद रहने पर उठ खड़ा हुआ है। बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के थमने के बाद सरकार ने कई तरह के छूट की घोषणा की लेकिन मंदिरों को खोलने की इजाजत नहीं दी। इसको लेकर बीजेपी में काफी आक्रोश उठ खड़ा हुआ है। भगवान के दरवाजे पर ताला लटके रहने से नाखुश बीजेपी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ताला खोलने की मांग कर दी है।
बीजेपी सांसद विवेक ठाकुर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मांग की है कि कोरोना मामले काफी घट गये हैं और श्रावण मास भी बिल्कुल नजदीक आ गया है, ऐसे में आम लोगों की मांग पर विचार करते हुए,उनके धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखते हुए मंदिरों को खोलने पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाये। उनका कहना था कि बिहार के लोग जागरूक हैं और कोई गलत कार्य नहीं करेंगे।
बीजेपी के इस मांग पर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा है कि सभी मंदिरों को कोविड-19 महामारी के कारण बंद रखा गया है। मंदिरों को खोलने या नहीं खोलने का निर्णय मंत्रीपरिषद द्वारा सामूहिक निर्णय के आधार पर लिया जायेगा।
वैसे अभी-अभी पता चला है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा श्रावण मास में कांवड़ यात्रा शुरू करने की अनुमति देने पर केन्द्र सरकार और यूपी सरकार को नोटिस भेजकर ज़वाब तलब किया है।