चौक: ग्रामीण परिवेश में पला-बढ़ा बेटा जब दारोगा बना तो परिवार में खुशी का माहौल है। कम्हरिया कला गांव से दारोगा बन विनय सहाय ने कड़ी मेहनत कर सफलता पाई है।
बातचीत के दौरान विनय सहाय ने बताया कि उनकी सफलता के पीछे उनके पिता अवधेश कुमार की मेहनत है। वह सुबह चार बजे उनके साथ उठकर तीन से चार किलोमीटर रोज दौड़ लगाते थे। उन्होंने बताया कि उनके परिवार और गांव में कोई लड़का पुलिस में दारोगा नहीं है। जिसके चलते माता-पिता चाहते थे कि वह इस मिथक को तोड़ें। उन्होंने प्रयास किया और सफलता पाई। 26 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा लखनऊ में नियुक्ति पत्र पाकर उन्होंने अपने क्षेत्र और गांव के समाज का नाम रोशन किया है। उनकी सफलता से क्षेत्र में काफी खुशी का माहौल है। गांव के तमाम लोगों ने विनय सहाय के इष्ट मित्रों ने इस सफलता के लिए उनको शुभकामनाएं दी हैं।