अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने तालिबान के खिलाफ युद्ध की घोषमा कर दी है। सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया है। उन्होंने कहा कि तालिबान लड़ाके पंजशीर के प्रवेश द्वार पर बड़ी संख्या में एकत्र हुए हैं। हम तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। सोमवार सुबह एक ट्वीट में, सालेह ने कहा, “तालिबों ने पड़ोसी अंदराब घाटी के घात क्षेत्रों में फंसने के एक दिन बाद पंजशीर के प्रवेश द्वार के पास बलों को इकट्ठा किया है।”
एक और अपडेट में सालेह ने युद्ध का ऐलान करते हुए तालिबान को देख लेने की एक तरह से धमकी दे डाली है।
Talibs have massed forces near the entrance of Panjshir a day after they got trapped in ambush zones of neighboring Andarab valley & hardly went out in one piece. Meanwhile Salang highway is closed by the forces of the Resistance. “There are terrains to be avoided”. See you.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 22, 2021
उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का विरोध करने वाले बलों ने कहा है कि उन्होंने पंजशीर घाटी के करीब तीन जिलों को अपने कब्जे में ले लिया है। अफगानिस्तान के पूर्व सरकारी बलों और अन्य मिलिशिया समूहों के समूह पंजशीर में एकत्र हुए हैं।
पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और पूर्व सोवियत विरोधी मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने पंजशीर से तालिबान का विरोध करने की कसम खाई है। उन्होंने 1980 और 1990 के दशक में सोवियत सेना और तालिबान दोनों को खदेड़ दिया था।
मसूद के करीबी लोगों का कहना है कि सेना और विशेष बलों की इकाइयों के साथ-साथ स्थानीय मिलिशिया समूहों से बने 6,000 से अधिक लड़ाके पंजशीर घाटी में एकत्र हुए हैं। उनका कहना है कि उनके पास कुछ हेलीकॉप्टर और सैन्य वाहन हैं और सोवियत संघ द्वारा छोड़े गए कुछ बख्तरबंद वाहनों की मरम्मत की गई है।
अफगानिस्तान के तालिबान विरोधी प्रतिरोध की आखिरी प्रमुख चौकी के नेता अहमद मसूद ने रविवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक सप्ताह पहले काबुल में सत्ता पर कब्जा करने वाले इस्लामी आंदोलन के साथ शांतिपूर्ण बातचीत होगी, लेकिन उनकी सेना लड़ने के लिए तैयार है।
