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‘नया गोरखपुर’ लेगा आकार, मेट्रो परियोजना को मिलेगी रफ्तार, शुरू होगा गोड़धोइया नाले का निर्माण

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यूपी सरकार की ओर से पेश किए गए बजट से अब नया गोरखपुर आकार लेगा। मेट्रो ट्रेन परियोजना के साथ रामगढ़ताल क्षेत्र के सुंदरीकरण व गोड़धोइया नाले का निर्माण होगा। नए शहर के विकास के नाम पर तीन हजार करोड़ का प्रस्ताव जीडीए की ओर से भेजा जा चुका है। अब तक प्रस्ताव की शक्ल में रही ‘नया गोरखपुर’ परियोजना को मूर्तरूप देने का सफर आसान हो गया है। बजट में नया शहर विकसित करने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। माना जा रहा है कि अप्रैल में नया गोरखपुर को इसमें से बड़ी धनराशि मिल सकती है। धनराशि मिलते ही जमीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया जाएगा। महानगर की बढ़ती आबादी की आवास से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए ‘नया गोरखपुर’ परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया गया है। शहर के उत्तरी दिशा के साथ ही कुसम्ही रोड के गांवों में इसके लिए जमीन अधिग्रहीत करने की योजना है। लेखपालों की ओर से सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। इस योजना के लिए छह हजार एकड़ जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। इस पर साढ़े चार हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है। परियोजना में 60 गांव शामिल किए जा रहे हैं। मेट्रो ट्रेन परियोजना को मिलेगी रफ्तार

 

गोरखपुर मेट्रो ट्रेन परियोजना को गति मिलेगी। बजट में सरकार ने गोरखपुर, वाराणसी व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। गोरखपुर में 4672 करोड़ की लागत से दो रूटों पर तीन बोगी वाली मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को यूपी कैबिनेट की पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड भी अपनी स्वीकृति दे चुका है। धन मिलने से निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। पहले कार्यकाल में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन के लिए सर्वे करने के निर्देश दिए थे। सर्वे के बाद तैयार डीपीआर को वर्ष 2021 में ही मंजूरी मिल गई। डीपीआर में दो कारिडोर प्रस्तावित हैं। पहला श्यामनगर से मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तक होगा। इसकी लंबाई 15.14 किलोमीटर है। इस कारिडोर में 14 स्टेशन बनेंगे। दूसरा कारिडोर बीआरडी मेडिकल कालेज से नौसढ़ चौराहे तक होगा। इसकी लंबाई 12.70 किलोमीटर है।जल्द शुरू होगा गोड़धोइया नाला के लिए अधिग्रहण

शहर के बड़े हिस्से को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए गोड़धोइया नाला का निर्माण जल्द शुरू हो सकेगा। बुधवार को प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तुत बजट में नाले एवं रामगढ़ताल के सुंदरीकरण के लिए जमीन अधिग्रहण को 650 करोड़ 10 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से अब लोगों को जल्द ही मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। 10 किलोमीटर है गोड़धोइया नाला की लंबाई

 

गोड़धोइया नाला की लंबाई करीब 10 किलोमीटर है। इसे पक्का बनाया जा रहा है। नाला शुरू में 10 मीटर व अंतिम बिंदु पर 20 मीटर चौड़ा होगा। डेढ़ से ढाई मीटर तक इसकी गहराई होगी। दोनों ओर सड़क का निर्माण भी किया जाएगा। इसके साथ ही रास्ते में 21 पुलिया बनाई जाएगी, जिसपर 53 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 44 हजार घरों को सीवर लाइन से जोड़ा जाएगा। पानी को शोधित करने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (सीटीपी) लगाया जाएगा। इससे रामगढ़ताल में गंदा पानी नहीं गिरेगा। गोड़धोइया नाला परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण पर करीब 550 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। रामगढ़ताल की बदलेगी सूरत

इस योजना के चलते रामगढ़ताल की भी सूरत बदलने वाली है। ताल के जीर्णोद्धार, अवरोधन, डायवर्जन एवं शोधन की परियोजना को भी इसमें शामिल किया गया है। ताल के गंदे पानी को साफ करने में मदद मिलेगी। ताल के किनारे रिंग रोड बनाने का भी प्रस्ताव है। बजट के बाद इसे भी बल मिला है।आसपास के क्षेत्रों की बदल जाएगी तस्वीर

नया गोरखपुर के विकास के बाद शहर के आसपास के क्षेत्रों की स्थिति बदल जाएगी। यह परियोजना सुनियोजित रूप से विकसित शहर का माडल बनेगी। यहां शहरी क्षेत्र में रहने के लिए जरूरी हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी। भूखंडों के साथ ही फ्लैट भी यहां मिलेंगे। अस्पताल, स्कूल, होटल, बाजार, माल आदि की सुविधा नए शहर में दी जाएगी। अनियोजित कालोनी का नामोनिशान नहीं रहेगा।