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नए गोरखपुर को बसाने की कवायद शुरू, 60 गांवों की 6 हजार एकड़ भूमि पर बसेगा नया शहर

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गोरखपुर-टिकरिया-महराजगंज मार्ग के कुछ गांवों की सूची लेखपालों को दे दी गई है। अधिकतर गांव जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन बाईपास के आसपास के हैं। लेखपालों ने यहां सर्वे भी शुरू कर दिया है। प्राधिकरण के मुताबिक, नया गोरखपुर में आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। उम्मीद है की बुधवार को पेश होने वाले प्रदेश सरकार के बजट में नया गोरखपुर की मंजूरी की भी घोषणा हो सकती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर जिला प्रशासन ने उप नगरीय संस्कृति यानी शहर के बीच शहर बसाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिया है। इसी क्रम में बहुप्रतीक्षित नया गोरखपुर की परियोजना को जमीन पर उतारने की कवायद भी शुरू हो गई है। शहर से सटे दो क्षेत्रों के 60 गांवों में करीब छह हजार एकड़ भूमि पर नया गोरखपुर बसाया जाएगा। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को पहले ही भेजा जा चुका है। अब जिला प्रशासन की ओर से भी जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वे शुरू करा दिया गया है। गोरखपुर-टिकरिया-महराजगंज मार्ग के कुछ गांवों की सूची लेखपालों को दे दी गई है। अधिकतर गांव जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन बाईपास के आसपास के हैं। लेखपालों ने यहां सर्वे भी शुरू कर दिया है। प्राधिकरण के मुताबिक, नया गोरखपुर में आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। उम्मीद है की बुधवार को पेश होने वाले प्रदेश सरकार के बजट में नया गोरखपुर की मंजूरी की भी घोषणा हो सकती है। डीएम कृष्णा करुणेश ने कहा कि नया गोरखपुर के लिए शहर से सटे 50 से अधिक गांवों में सर्वे के लिए राजस्व टीम को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। किसानों से बातचीत कर अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।