
ये हैं, अजीत यादव, जिन्होंने युवा कल्याण विभाग छोड़कर उत्तर प्रदेश पुलिस में बतौर सब इंस्पेक्टर जॉइन किया है, हाल में ही सिर्फ़ ३ दिन की छुट्टी पर आये थे। जहाँ सामान्य लोग, अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए अवकाश लेते हैं, वहीं अजीत यादव ने अपना क़ीमती समय क्षेत्र के बच्चों का भविष्य संवारने में लगाया। अपनी अत्यंत कठिन और ब्यस्ततम दिनचर्या के बावजूद इन्होंने “शिक्षा सेवा संघ” के बच्चों को क्वालिटी टाइम दिया, उन्हें पढ़ाया, उनकी परेशानियाँ जानने की कोशिश की एवम् उन्हें मार्गदर्शन दिया।
ग्रामीण परिवेश के बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए उनका अटूट समर्पण क्षेत्र वासियों से अछूता नहीं है। बचपन में अत्यंत ग़रीबी के दंश को झेलते हुए इन्होंने अपने आपको आज इस मुक़ाम तक पहुँचाया है, इसके लिए इन्होंने संघर्ष की सारी सीमाओं का सामना किया है।
शिक्षा सेवा संघ, समाज के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है – इनके अथक प्रयास से शिक्षा सेवा संघ की शाखाएँ गोरखपुर, महराजगंज और सोनभद्र में फलफूल रही हैं। मैं ख़ुद को भाग्यशाली समझता हूँ की शिक्षा सेवा संघ की स्थापना में उन्होंने हरसंभव प्रयास किया।
