अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका लगातार अपने अधिकारियों और नागरिकों को संकटग्रस्त देश से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है। काबुल पर कब्जे के बाद से ही शहर में भगदड़ जैसी स्थिति बन चुकी है। लोग देश से बाहर निकलने के लिए काबुल एयरपोर्ट की तरफ भाग रहे हैं, जो कि फिलहाल अमेरिकी सैनिकों के कंट्रोल में है। इस क्रम में अफगानिस्तान के कई नागरिक भी अमेरिका के लिए उड़ान भर रहे हैं, जो कि तालिबान को पसंद नहीं आया है। आतंकी संगठन के द्वारा अमेरिका चेतावनी जारी की गई है।
टोलोन्यूज के मुताबिक, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद का कहना है कि अमेरिका को अफगानिस्तान के नागरिकों को देश छोड़ने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए। उनका यह भी कहना है कि तालिबान पंजशीर में शांति से समस्या का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Taliban Spokesperson Zabihullah Mujahid says US should not encourage the Afghan elite to leave the country. He also says that the Taliban are committed to resolving the problem in Panjshir peacefully: TOLOnews
— ANI (@ANI) August 24, 2021
अमेरिका के 31 अगस्त तक हटने की संभावना कम
अमेरिका के 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ने की संभावना बेहद कम है। तालिबान ने अमेरिका को तय समयसीमा में अफगानिस्तान छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। इस पर अमेरिका की खुफिया समिति के अध्यक्ष एडम शिफ ने कहा, 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से पूरी तरह वापसी की कम संभावना है। अभी भी विशेष आप्रवासी वीजा आवेदक वाले अमेरिकियों सुरक्षित निकालने की आवश्यकता है। अन्य लोगों में अफगान प्रेस के सदस्य, नागरिक समाज के नेता, महिला नेता है। मेरे लिए यह कल्पना करना मुश्किल है कि यह सब महीने के अंत पूरा किया जा सकता है। शिफ ने कहा, हजारों अमेरिकी नागरिक, अफगान दुभाषिये और उनके परिवार हैं को अभी भी काबुल से निकाला जाना बाकी है।
तालिबान पर भरोसा नहीं: एनएसए
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवान ने कहा, अमेरिका राजनीतिक एवं सुरक्षा माध्यमों से प्रतिदिन तालिबान से बात कर रहा है। हम अमेरिकी नागरिकों, अन्य देशों के नागरिकों को हवाईअड्डे तक सुरक्षित पहुंचाना सुनिश्चित करने सहित सभी पहलुओं पर तालिबान के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में एनएसए ने कहा, अमेरिका तालिबान पर भरोसा नहीं करता है। इस बारे में राष्ट्रपति के विचार एकदम स्पष्ट हैं।
संबंधित खबरें
