पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को अफगानिस्तान को लेकर कई सवालों के जवाब दिए और तालिबान को लेकर अपनी रणनीति भी बताई। काबुल में एक दिन पहले हुए हमले पर चुप्पी साधते हुए इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के डायरेक्टर जनरल बाबर इफ्तिकार ने तालिबान के कब्जे पर यह कहकर खुशी जताई कि इससे अफगानिस्तान में भारत का प्रभाव खत्म हो जाएगा।
बाबर इफ्तिकार ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद अफगानिस्तान में भारत का प्रभाव कम होगा। उन्होंने कहा, ”जो भी अफगानिस्तान में हुआ, हमें समझना होगा कि इसमें भारत की क्या भूमिका है। जो भी निवेश भारत ने अफगानिस्तान में किया है वह केवल पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया। उन्हें अफगानिस्तान के लोगों से कोई लगाव नहीं है। उन्होंने अफगान नेताओं और वहां की सेना के दिमाग में जहर भर दिया था, ताकि टीटीपी और आईएस के जरिए पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाया जा सके।”
अफगानिस्तान को पाकिस्तान पर निर्भर बताते हुए पाक सेना के जनरल ने दुनिया तालिबान की मदद की भी अपील की। तहरीक-ए-तालिबान से पाकिस्तान को खतरे को लेकर बाबर इफ्तिकार ने कहा, ”टीटीपी अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ करता रहा है। तालिबान नेतृत्व ने कहा है कि अफगानिस्तान की जमान का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ नहीं होगा। हमें विश्वास है कि वह टीटीपी को पाकिस्तान के खिलाफ काम करने से रोकेंगे। पाकिस्तान में टीटीपी का कोई ढांचा नहीं बचा है, इसलिए उन्होंन अफगानिस्तान में शरण ली है। यदि कुछ यहां वे करते हैं तो हम तैयार हैं।”
अफगानिस्तान में तालिबान की ओर से लागू किए जा रहे शरिया कानून का क्या पाकिस्तान पर भी असर होगा? इस सवाल के जवाब में पाक सेना के अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान का संविधान शरिया के तहत ही है और इसलिए इसका कोई असर नहीं होगा। पंजशीर ने दुनिया से मदद मांगी है, क्या इससे अफगानिस्तान में सिविल वॉर हो सकता है? इसके जवाब में अधिकारी ने कहा कि अफगानिस्तान में सिवल वॉर का खतरा रहता है, लेकिन अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा। लेकिन अभी सिविल वॉर की स्थिति नहीं है।