डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने आने वाले हफ्तों में स्पुतनिक-V टीके के कमर्शियल रोल-आउट को मजबूत करने का आश्वासन दिया है। डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने एक बयान में कहा, “हम आने वाले हफ्तों में स्पुतनिक-V के वाणिज्यिक रोल-आउट को मजबूत करेंगे। न तो चल रहे सॉफ्ट कमर्शियल लॉन्च और न ही भारत में इसके रैंप-अप की दिशा में काम को रोका गया है।” डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज ने सोमवार को अपने ट्विटर हैंडल से ये जानकारी दी।
स्पुतनिक वी वैक्सीन को भारत में पहले 14 मई को सॉफ्ट पायलट आधार पर लॉन्च किया गया था। स्पुतनिक वी का राष्ट्रव्यापी सॉफ्ट लॉन्च देश भर के 50 से अधिक शहरों और कस्बों में पहुंच गया है।
तेजी से बढ़ा सॉफ्ट लॉन्च रोल-आउट
डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज के बयान में कहा गया है कि शुरुआत में हैदराबाद में, स्पुतनिक वी का सॉफ्ट लॉन्च रोल-आउट तेजी से बढ़ा है और पूरे भारत के शहरों और कस्बों तक पहुंच गया है – जिसमें हैदराबाद, विजाग, बेंगलुरु, मुंबई, नवी मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, एनसीआर, चेन्नई, मिरयालगुडा, विजयवाड़ा, बद्दी, कोल्हापुर, कोच्चि, रायपुर, चंडीगढ़, पुणे, नागपुर, नासिक, कोयंबटूर, रांची, जयपुर, लखनऊ, पटना, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम, अहमदाबाद, राजकोट, पलक्कड़, इलाहाबाद, दीमापुर, कोहिमा, इंदौर , भोपाल, सूरत, कटक, धारवाड़, एर्नाकुलम, रतलाम, फरीदाबाद, श्रीनगर, गांधीनगर, वडोदरा, गुलबर्गा, मदुरै, गुंटूर, कन्नूर,
जबलपुर, जालंधर, कानपुर, मैसूर शामिल हैं”।
बता दें कि डॉ रेड्डीज ने इस उद्देश्य के लिए देश भर के प्रमुख अस्पतालों के साथ भागीदारी की है, जिनमें से सभी ने जनता के लिए चल रहे कमर्शियल रोल-आउट सहित भारत में सफलतापूर्वक स्पुतनिक वी का संचालन किया है।
डेल्टा स्ट्रेन के खिलाफ 90% सुरक्षा
रूस की नोवोसिबिर्स्क स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रयोगशाला के प्रमुख और रूसी विज्ञान अकादमी (आरएएस) के संबंधित सदस्य सर्गेई नेत्सोव ने हाल ही में बताया- यूके, यूएस और अन्य देशों के आंकड़ों के अनुसार, हमारे स्पुतनिक वी सहित एमआरएनए और वेक्टर टीके, डेल्टा पर कारगर हैं। ये टीके कोरोना के खिलाफ 95 प्रतिशत और डेल्टा स्ट्रेन के खिलाफ 90% सुरक्षा देते हैं। उन्होंने कहा कि पहले से विकसित टीकों का उपयोग किया जाना चाहिए क्योंकि वे काफी प्रभावी हैं।
रॉयटर्स ने समाचार एजेंसी RIA की रिपोर्ट के आधार पर बताया कि, मॉस्को के गामालेया इंस्टीट्यूट के उप निदेशक डेनिस लोगुनोव, जिन्होंने स्पूतनिक वी विकसित किया, ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट की प्रभावकारिता आंकड़े की गणना डिजिटल मेडिकल और वैक्सीन रिकॉर्ड के आधार पर की गई थी। गामालेया इंस्टीट्यूट के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग के अनुसार, दुनियाभर के देशों ने डेल्टा वैरिएंट को लेकर खतरे का आगाह किया है। करीब 14.4 करोड़ की आबादी वाले रूस ने चार स्वदेशी निर्मित वैक्सीन को मंजूरी दी है और महामारी की शुरुआत के बाद से करीब 55 लाख मामले दर्ज किए गए हैं।
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