बिहार—–
पटना: बिहार सरकार का बड़ा फरमान। चल-अचल संपत्ति का ब्योरा नहीं देनेवाले अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन सरकार रोक सकती है। सरकार ने सभी को एलर्ट करने का आदेश जारी किया है। अभी तक जिस अधिकारी और कर्मचारी ने अपने चल-अचल संपत्ति का ब्योरा अपने नियंत्री पदाधिकारी को नहीं दिया है उन्हें सरकार के कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
पहले चरण में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। कारण बताओ नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो उनपर विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। इस तरह का परिपत्र सामान्य विभाग, बिहार के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने शुक्रवार को सभी विभागों के प्रधान सचिव के नाम जारी किया है।
कार्रवाई के जद में वैसे अधिकारी और कर्मचारी आयेंगे जिन्होंने पिछले साल 2020 की संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। सरकार द्वारा जारी निर्देश के आलोक में प्रत्येक वर्ष के फरवरी माह की आखिरी को संबंधित पदाधिकारी के यहां जमा कर देना है। इसका मतलब वर्ष 2020 के संपत्ति का ब्योरा फरवरी 2021 के 28 तारीख को जमा कर देना था। बिहार सरकार की सेवा में तैनात अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर भी लागू है। बताते चलें कि यह नया नियम नहीं है। सरकारी सेवा में ज्वाइनिंग के साथ ही उनपर यह नियम लागू हो जाता है।
बताया जाता है कि कुछ अधिकारी-कर्मचारी समय बीत जाने के बाद संपत्ति का ब्योरा जमा करते हैं जो नियम विरुद्ध है। बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली,1976 के नियम 19 के अधीन “हरेक सरकारी सेवक, किसी सेवा में या पद पर अपनी प्रथम नियुक्ति के समय और उसके बाद,हरेक बारह मासों के अन्तराल पर, अपनी अस्तियों एवं दायित्वों की विवरणी ऐसे फारम में, जो सरकार द्वारा विहित किया गया जाय,विहित प्राधिकारी को देगा जिसमें निम्नलिखित विषयों के सम्बन्ध में पूरा ब्योरा दिया रहेगा ” इस नियमावली में चल-अचल संपत्ति से संबंधित सभी का ब्योरा देना है।
वैसे सरकार को जो पत्र अभी जारी किया गया है उसमें अगले वर्ष से और सख्ती बरतने की बात कही गई है। पत्र में कहा गया है कि अगले साल से समय पर चल-अचल संपत्ति का ब्योरा नहीं देनेवाले अधिकारियों/कर्मचारियों का वेतन तुरंत रोक दिया जाये। ब्योरा नहीं देने वाले को एक माह का अतिरिक्त समय दिया जाये, बशर्ते वे देरी का वाजिब कारण बतायें।
जे.पी.श्रीवास्तव,
ब्यूरो चीफ, बिहार।