महराजगंज- वायु प्रदूषण से दिल्ली से लेकर मुरादाबाद तक हाहाकार मचा हुआ है। शासन भी इस पर गंभीर है, लेकिन नगर पालिका परिषद महराजगंज के पास कोई अपना ट्रचिंग ग्राउंड नहीं होने और कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं होने से प्रदूषण नियंत्रण कार्यक्रमों को पलीता लग रहा है, क्योंकि कूड़े को सड़कों के किनारे डाला जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में प्लास्टिक व पॉलिथीन होती है, उसे जला दिया जाता है, जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है। ताजा मामला धनेवा स्थित सुकठिया में सैकड़ों टन कूड़े को कर्मियों द्वारा जला दिया गया जिससे कि जहरीली धूएं और गैस निकल रही हैं जो कि वहां के वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में प्लास्टिक एवं अन्य कुड़े़ को जलाने से उनके खेतों में लगे फसलों को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है साथ ही जानवरों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वही बच्चों और बूढ़ों को सांस लेने में काफी कठिनाइयां भी हो रही है।
महराजगंज जनपद में रोजाना कई टन से अधिक कूड़ा निकलता है, त्योहारों पर यह डेढ़ सौ से दो सौ टन तक पहुंच जाता है। ऐसे में सारा कूड़ा शहर के चारों ओर सड़कों के किनारे ही फेंक दिया जाता है। जिसे खाली करने के लिए पालिका कर्मचारी ही कूड़े में आग लगा देते हैं, जिससे बड़े बड़े कूड़े के ढेर कई कई दिनों तक सुलगते रहते हैं, इसमें अधिकांश पॉलिथीन होती है, जिसके जलने से जहरीली हवा वातावरण को जहरीला बना रही है। इसका सीधा नुकसान पशु, पक्षियों के साथ साथ इंसानी स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इससे त्वचा रोग, खांसी, दमा आदि जैसी बीमारियां पनपती हैं। महराजगंज जनपद में अधिकांश लोग त्वचा रोग से परेशान हैं, इसका मुख्य कारण यहां का प्रदूषित वातावरण भी है।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आलोक कुमार ने सफाई नायक व नगर पालिका परिषद के कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी है कि कोई भी सड़कों के किनारे कूड़ा नहीं जलाएगा, क्योंकि उसके जलने से वातावरण को भारी नुकसान होता है, यदि कोई कर्मचारी कूड़ा जलाता हुआ मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।