अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़कर जाने वालों की भारी भीड़ जमा हो गई है। एयरपोर्ट से इसी भीड़ को बाहर निकालने के लिए काबुल एयरपोर्ट को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है। हालांकि, विमानों की आवाजाही चलती रहेगी, लेकिन नए यात्रियों की एंट्री पर रोक के साथ-साथ अंदर पहले से मौजूद लोगों को बाहर भी निकाला जाएगा।
दरअसल, देश छोड़ भागने का प्रयास कर रहे अफगानों को तालिबान आतंकवादियों के प्रतिशोध लेने की आशंका है। ये अफगानी हवाई अड्डे के भीतर और बाहर बड़ी संख्या में जमा हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को हवाई अड्डा के बाहर सात लोगों की मौत हो गई। अफगानिस्तान में अमेरिकी दूतावास एक परामर्श जारी कर अमेरिका के नागरिकों को संभावित सुरक्षा खतरों के कारण काबुल हवाई अड्डे की यात्रा करने से बचने की सलाह दी है।
रविवार को काबुल एयरपोर्ट पर भीड़ की वजह से अराजकता और फैलने और भगदड़ होने से सात अफगानी नागरिकों की मौत हो गई है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के हवाले से स्काई न्यूज ने सोमवार को इस आशय की जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि धरातल पर स्थितियां बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं लेकिन हम स्थिति को यथासंभव संरक्षित और सुरक्षित तरीके से प्रबंधित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
पिछले सप्ताह 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल में प्रवेश किया जिससे अमेरिका समर्थित नागरिक सरकार को पीछे हटना पड़ा। सत्ता परिवर्तन के परिणामस्वरूप हजारों अफगानी नागरिक ने आतंकवादियों के प्रतिशोध के डर से देश से भागने की कोशिश कर रहे हैं और इसी कारण काबुल हवाई अड्डे के बाहर अराजक स्थिति व्याप्त है।
