बिहार—-
पटना: बिहार में ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार के पटना और दरभंगा स्थित घर पर पुलिस और आईटी की संयुक्त छापेमारी में 49 लाख रुपये कैश बरामद होने की सूचना मिल रही है।अनिल कुमार से कुढ़नी थाने में आईटी टीम की मौजूदगी में पूछताछ चल रही है।
बताया जाता है कि शनिवार को मुजफ्फरपुर और सराय के बीच फकूली चौक पर गाड़ी के सर्च के दौरान अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार की गाड़ी से 18 लाख कैश बरामद हुआ था। हालांकि नकद राशि की बरामदगी के बाद अनिल कुमार को पीआर बांड पर छोड़ दिया गया था। बताया जाता है कि दरभंगा में नकदी के साथ संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं। वहीं पटनासे भी बरामदगी की अपुष्ट खबरें मिली है। अनिल कुमार से दोबारा पूछताछ के बाद छापामारी की गई।
शनिवार को एसएसपी जयंतकांत द्वारा बताया गया कि बिहार में पंचायत चुनाव के मद्देनजर नियमित वाहन चेकिंग का मुख्यालय से निर्देश है। इसी क्रम में फकुली पुलिस पोस्ट पर वाहन जांच के दौरान एक सफेद स्कार्पियो को रोका गया। पूछताछ में गाड़ी पर सवार व्यक्ति ने खुद को अभियंता बताया।उनकी गाड़ी की जांच के दौरान डिक्की में नोटों से भरा बैग मिला।पूछे जाने पर वे कोई कागजात नहीं दिखा सके। इसके बाद उन्हें ओपी लाया गया।बरामद राशि जप्त कर ली गई है और इसकी सूचना आयकर विभाग और निगरानी को देते हुए जांच के लिए सम्पर्क किया गया है।
सूत्रों के अनुसार बरामद राशि दरभंगा के कीसी ठेकेदार की है। हालांकि पुलिस द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि बरामद राशि विभागीय है या निजी। बताते चलें कि अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार दरभंगा प्रमंडल के ग्रामीण कार्य विभाग में कार्यरत हैं और इनका निवास स्थान खगड़िया जिले के अलौली थाना क्षेत्र के मलौली गांव में है।
फकुली ओपीध्यक्ष उदय सिंह ने बताया कि मामले की जांच के लिए निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से अनुरोध किया गया है। पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर ली है। आगे की जांच आयकर एवं निगरानी विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग कर सकती है।
वैसे यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जब कोई आदमी अपने साथ 2 लाख से अधिक की नकद राशि लेकर नहीं चल सकता तो फिर अधीक्षण अभियंता के पास 19 लाख रुपए की राशि मिलने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए थी। इसके अलावे उनके दरभंगा स्थित आवास से 49 लाख रुपए नकद पकड़े जाने पर उनके विरुद्ध इतनी बड़ी राशि घर में रखने के लिए कार्रवाई होनी चाहिए थी। प्रश्न यह भी उठता है कि अभियंता द्वारा पकड़े गये 67 लाख रपये पर न तो आयकर विभाग को और न अन्य किसी प्रकार के टैक्स का भुगतान किया गया होगा।ऐसे में इस राशि का काली कमाई की सूची में डालना आवश्यक जान पड़ता है।
अब देखनेवाली बात होगी आयकर विभाग, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो और ग्रामीण कार्य विभाग आगे क्या कार्रवाई करती है।
जे.पी.श्रीवास्तव,
ब्यूरो चीफ, बिहार।